नयी दिल्ली . पूर्व उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि...
नयी दिल्ली. पूर्व उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया
नायडू ने शुक्रवार को कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सरकार की
सबसे बड़ी उपलब्धि है और इसने लोगों को बिचौलियों की बेड़ियों से मुक्त
कराया और कल्याणकारी उपायों की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा कि जब करोड़ों बैंक खाते खोलने के सपने का पूरा होना कठिन
लगता था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में इस लक्ष्य को
बहुत जल्द ही प्राप्त कर लिया गया। श्री नायडू ने यहां एक कार्यक्रम में
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग
ठाकुर के साथ प्रधानमंत्री के चुनिंदा भाषणों के संग्रह 'सबका साथ, सबका
विकास, सबका विश्वास’ पुस्तक का विमोचन किया।
इस अवसर पर नायडू ने कहा कि अच्छी योजनाएं पहले भी शुरू की गई हैं,
लेकिन केवल वर्तमान प्रधानमंत्री, नेतृत्व करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे
हैं कि सभी कार्यक्रम निर्धारित समय सीमा और लक्ष्यों का पालन करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं कमान संभालते हैं और निरंतर निगरानी
एवं संभावित वितरण सुनिश्चित करते हैं।यह पुस्तक विभिन्न विषयों पर मई
2019 से मई 2020 तक प्रधानमंत्री के 86 भाषणों का संकलन है।
पूर्व उप-राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुस्तक राष्ट्र के समक्ष मौजूद
चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों की समझ
को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
नायडू ने उस समय को याद किया,
उन्होंने कहा कि जब पहले की योजनाओं
को या तो सरकार या राजनीतिक के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन श्री मोदी
इस बात को समझ गए थे कि एक लक्ष्य की प्राप्ति लोगों की भागीदारी पर
निर्भर करती है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना
एक जन आंदोलन के रूप में की थी।
खान ने कहा कि यह पूरी पुस्तक एक साझे धागे से संचालित है और वह
है-हाशिए के वर्ग और महिला सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री की चिंता।
खान ने तीन तलाक के विषय का उल्लेख किया और कहा कि सदियों से पनप रही
इस बुराई से छुटकारा दिलाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। श्री मोदी को
मुस्लिम महिलाओं के उद्धारक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने श्री
मोदी को श्रेय दिया कि उन्होंने सब बाधाओं और विरोधों का मुकाबला किया
एवं इस वादे को पूरा किया।
ठाकुर ने कहा कि इस पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 86
भाषणों को 10 अध्यायों में संकलित किया गया है और ये जटिल सामाजिक मुद्दों
को लेकर उनकी गहरी समझ और स्पष्ट विजन को दिखलाती है। उन्होंने कहा कि ये
संकलन भविष्य के इतिहासकारों के लिए बहुत उपयोगी होगा।
यह पुस्तक विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में श्री मोदी के विचारों का
विश्वकोश कही जा सकती है। श्री ठाकुर ने कहा कि पुस्तक में विभिन्न
राजनीतिक नेताओं द्वारा की गई भयावह भविष्यवाणियों का जवाब है, जिन्होंने
कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भारत का अस्तित्व नहीं बचेगा और एक
भी व्यक्ति कश्मीर में भारतीय तिरंगा नहीं फहराएगा। आज हर घर तिरंगा
अभियान को कश्मीर में उतनी ही सफलता मिली है जितनी देश के अन्य हिस्सों
में और कश्मीर में भी अभूतपूर्व विकास देखने को मिल रहा है।इस अवसर पर
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, प्रकाशन विभाग की
महानिदेशक मोनिदीपा मुखर्जी और मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों के कई
अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।