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breaking news,मुख्यमंत्री ने पाया गुण्डरदेही में शिक्षा के स्तर में अपेक्षाकृत कम सुधार,स्कूल कॉलेजों की नियमित करने का निर्देश

बालोद,दुर्ग। असल बात न्यूज़।।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखंड में  स्कूलों और महाविद्यालयों में शिक्षा के गुणवत्...

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बालोद,दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखंड में  स्कूलों और महाविद्यालयों में शिक्षा के गुणवत्ता में कमी पाई है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल,अभी भेंट मुलाकात अभियान पर प्रत्येक विधानसभा में पहुंच रहे हैं और वे यहां लोगों से इसकी जानकारी भी ले रहे हैं कि शासन की योजनाएं हर जगह आम लोगों तक सही तरीके से पहुंच रही है कि नहीं।

 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट मुलाकात अभियान के दौरान बालोद जिले में अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह चिंता जाहिर की है।उन्होंने,जिला मुख्यालय में नहीं रहने वाले अधिकारियों को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से रहने के सख्त निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इसके पहले एक स्कूली छात्रा की शिकायत पर पिनकापार स्कूल की प्राचार्य को  निलंबित करने का निर्देश दिया है।

यह मामला गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र ग्राम जेवरतला के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में सामने आया। जहां, पिनकापार स्कूल की छात्रा ने प्राचार्य द्वारा ज्यादा फीस लेने और बच्चों से अच्छा व्यवहार नहीं करने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने छात्रा की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला पिनकापार की प्राचार्य को निलंबित करने के निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार सत्र 2020-21 में कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद की स्थिति रही। कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही थी, फिर भी स्कूल की प्राचार्य श्रीमती संगीता खोब्रागढ़े द्वारा छात्रा-छात्राओं से वार्षिक स्थानीय निधि शुल्क लिया गया। स्थानीय शाला शुल्क छात्र-छात्राओं से लिए जाने, शाला प्रबंधन विकास समिति के हस्तक्षेप एवं जनप्रतिनिधियों से की गई शिकायत के बाद आंशिक रूप से राशि लौटाई गई। श्रीमती खोब्रागढ़े के द्वारा वित्तीय क्रिया-कलापों में पारदर्शिता का अभाव एवं भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया जाना पाया गया। साथ ही क्रय-विक्रय के लिए शाला प्रबंधन विकास समिति से अनुमोदन नहीं लेने प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है। 

स्कूल की प्राचार्य का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत गंभीर कदाचार है। अतः उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बालोद नियत किया गया है।