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भाकृअनुप एन.आई.बी.एस.एम द्वारा 11वां स्थापना दिवस मनाया गया

  रायपुर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, बड़ौदा, रायपुर, छत्तीसगढ़ ने अपना 11वां स्थापना दिवस 10.10.2022 को मनाया। डॉ. अश...

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रायपुर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, बड़ौदा, रायपुर, छत्तीसगढ़ ने अपना 11वां स्थापना दिवस 10.10.2022 को मनाया। डॉ. अशोक दलवई, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे। डॉ दलवई ने अपने स्थापना दिवस के व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन परिदृश्य के प्रभाव के तहत अजैविक परिस्थितियों में जैविक तनावों की बातचीत पर अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिक बिरादरी से खोज के विज्ञान और वितरण के लिए विज्ञान पर काम करने का आह्वान किया। डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और डॉ. शिव कुमार अग्रवाल, समन्वयक, आईसीएआरडीए-दक्षिण एशिया और चीन क्षेत्रीय कार्यक्रम, प्रमुख, खाद्य फलियां अनुसंधान कार्यक्रम, शुष्क भूमि क्षेत्रों पर कृषि अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र सम्मानीय अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान सम्मान और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान कार्य और आउटपुट पर जोर दिया ताकि अगले कुछ वर्षों में वैश्विक क्षेत्र में जैविक स्ट्रेस प्रबंधन के लिए आईसीएआर-एन.आई.बी.एस.एम को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। डॉ. पाउ फरमोसा-जॉर्डन, ग्रुप लीडर, प्लांट डेवलपमेंट बायोलॉजी विभाग, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट ब्रीडिंग रिसर्च, जर्मनी ने प्लांट डेवलपमेंट को समझने के लिए क्वांटिटेटिव एप्रोच पर विशेष अतिथि व्याख्यान दिया। समारोह की अध्यक्षता डॉ. पी.के. घोष, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप-एन.आई.बी.एस.एम, रायपुर द्वारा की गई । उन्होंने संस्थान द्वारा की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एस.के. अंबास्ट, पीएस और संयुक्त निदेशक, शिक्षा द्वारा किया गया । इससे पूर्व सभी अतिथियों ने पौधारोपण किया। इस अवसर पर किसान आवासीय प्रशिक्षण छात्रावास का उद्घाटन किया गया । किसान-वैज्ञानिक संवाद बैठक में जैविक स्ट्रेस प्रबंधन के लिए ड्रोन के अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया गया और बाद में किसानों पर कृषि पद्धतियों और पौधों की सुरक्षा के उपायों से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया गया।