रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रदेश के तीन आइएएस सहित 16 कारोबारियों के ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन भी जांच की। रायपुर के...
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रदेश के तीन आइएएस सहित 16 कारोबारियों के ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन भी जांच की। रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित आफिसर्स कालोनी से आइएएस समीर बिश्नोई और उनकी पत्नी को ईडी की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई है। एक अन्य आइएएस जयप्रकाश मौर्या को भी हिरासत में लिए जाने की सूचना है। यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उनकी गिरफ्तारी की गई है या नहीं। वहीं, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के घर को ईडी की टीम ने सील कर दिया है। रानू अपने घर में नहीं थी। बताया जा रहा है कि उनके वापस आने के बाद एक बार फिर ईडी की टीम जांच करेगी। ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अब तक सभी ठिकानों से जांच के दौरान दस करोड़ से ज्यादा नगदी और ज्वेलरी मिली है। महासमुंद में एक कारोबारी की गाड़ी से छह करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
ईडी के आला अधिकारियों ने बताया कि पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, बादल मक्कड़, सन्न्ी लूनिया, अजय नायडू के आवास में जांच पूरी हो गई है। ईडी की टीम बुधवार देर शाम को यहां से लौट आई है। बताया जा रहा है कि कुछ कारोबारियों को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का ईडी ने नोटिस दिया है। कोयला कारोबार से जुड़े सुनील अग्रवाल, शराब कारोबारी प्रिंस भाटिया के ठिकानों पर देर रात तक जांच चलती रही। यहां से ईडी की टीम को मनी लांड्रिंग से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। कारोबारियों ने शैल कंपनी में निवेश दिखाकर करोड़ों स्र्पये की हेराफेरी की है। कोलकाता और ओडिशा की शैल कंपनी के दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिसकी जांच ईडी की टीम करेगी। गौरतलब है कि राज्य के खनिज विभाग ने जुलाई में कोयला कारोबार से जुड़ी कुछ कंपनियों में गड़बड़ी मिलने के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कराया था, जिसके आधार पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है।
प्रदेश में ईडी छापे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल खड़ा किया है। सक्ती रवाना होने से पहले हैलीपैड पर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ईडी को बताना चाहिए कि किस अधिकारी और कारोबारी के पास से क्या-क्या मिला। ईडी ने कोई प्रेस रिलीज जारी किया है कि किस अधिकारी के यहां से क्या बरामद हुआ है। व्यापारी के यहां से यह पकड़ा गया है। सूत्रों के हवाले से काम नहीं चलेगा। एक-एक अधिकारी के यहां से क्या पकड़ा गया है, यह बताएं। बदनाम करने की कोशिश क्यों की जा रही है। अगर पकड़ा गया है, तो एजेंसी का बयान आना चाहिए। पिछले दिनों ऐसे ही आयकर का छापा पड़ा था। सात दिन तक कार्रवाई किए। एक प्रेस विज्ञप्ति देना था, लेकिन वह दिल्ली में जाकर दिए। वह भी सब मिलाजुलाकर। राज्य सरकार ने भी रायगढ़, कोरबा में कोलवाशरी पर कार्रवाई की। क्या हमने उसका कोई राजनीतिक लाभ लिया। हमको पता है कि कौन किससे जुड़ा हुआ है, लेकिन हमने उसको राजनीति से नहीं जोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गलत पाया गया है, उसको नोटिस दिया गया, लेकिन आप क्या कर रहे हैं। आप केवल राजनीति से प्रभावित होकर कार्रवाई कर रहे हैं।