घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए खाद्य तेल आयात पर रियायत की अवधि मार्च 2023 तक बढ़ाई गई सीमा शुल्क बढ़ा गया नई दिल्ली, छत्तीसगढ...
घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए खाद्य तेल आयात पर रियायत की अवधि मार्च 2023 तक बढ़ाई गई सीमा शुल्क बढ़ा गया
आपको यह जानकर खुशियां हो सकती है कि इस त्यौहारी सीजन में आपको खाद्य तेल सस्ता मिलता रहेगा।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क की अवधि को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया है। माना जा रहा है इससे खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी तथा उसके मूल्य नियंत्रित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि यह त्योहारी सीजन है। त्यौहार में खाद्य तेलों की सबसे अधिक खपत होती है। पिछले लंबे समय से आम लोगों को खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। एक समय रिफाइंड तेल तेल की कीमत ₹150 तक पहुंच गई थी। अभी इसकी कीमत खुले बाजार में टूट कर ₹130 प्रति लीटर हो गई है। अभी पिछले दो-तीन महीने से खाद्य तेलों की कीमत टूटी है।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के द्वारा खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले सीमा शुल्क में रियायत देने से यह कीमत कम हुई है। इस रियायत को अब आगे 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वैसे राज्य में खाद्य विभाग को भी खाद्य तेलों की कीमतों पर नजर रखनी होगी क्योंकि स्थानीय बाजार में इसकी किंतु को मनमाना तरीके से बढ़ाया जा सकता है। चिल्हर और थोक विक्रेता के द्वारा त्यौहारी सीजन को देखते हुए मनमाने तरीके से मुनाफा वसूली करने की भी आशंका बनी हुई है।
खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को और 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है , जिसका मतलब है कि नई समय सीमा अब मार्च 2023 होगी । यह भी बताया जा रहा है कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुख रहा है। गिरती वैश्विक दरों और कम आयात शुल्क के साथ, भारत में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आई है।
कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर वर्तमान शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक अपरिवर्तित रहती है। पाम तेल, सोयाबीन की कच्ची किस्मों, और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क फिलहाल शून्य है। हालांकि, 5 प्रतिशत कृषि और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए, इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
पामोलिन और रिफाइंड पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 प्रतिशत है। इसलिए, प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत है। परिष्कृत सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के लिए, मूल सीमा शुल्क 17.5 प्रतिशत है और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी शुल्क 19.25 प्रतिशत आता है।
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