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अरबों का कारोबार, लेकिन कितने प्रतिशत होगा जीएसटी का भुगतान ? ब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगने पर हाय तोबा मचाई गई,अब स्वर्ण आभूषण जैसी वस्तुओ की खरीदी बिक्री पर नहीं कट रही है जीएसटी

  फरीदाबाद सीजीएसटी अधिकारियों की चोरी-रोधी टीम "ग्रीन वारियर्स" ने 21 गोदामों वाले अवैध पटाखों के रैकेट का भंडाफोड़ किया, लगभग 51...

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फरीदाबाद सीजीएसटी अधिकारियों की चोरी-रोधी टीम "ग्रीन वारियर्स" ने 21 गोदामों वाले अवैध पटाखों के रैकेट का भंडाफोड़ किया, लगभग 51 करोड़ रुपये जब्त किए

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।  
    00  विशेष रिपोर्ट     

कोरोना संकट के पिछले दो-तीन वर्षों के अंतराल के बीच कई सवालों के साथ यह सवाल भी काफी पीछे चला गया है कि जीएसटी का भुगतान कितने प्रतिशत तक हो रहा है ? कितने प्रतिशत लोगों के द्वारा जीएसटी का भुगतान किया जाता है ?  कई सारे टैक्सेस को हटाकर देश में जीएसटी लागू किया गया है ऐसे में जीएसटी की वसूली काफी महत्वपूर्ण हो गई है। वास्तविकता यह है कि सामानों की खरीदी बिक्री पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो देश को बड़ा नुकसान हो रहा है। आंकड़े दिखा रहे हैं कि जो खरीदी बिक्री हो रही है उस पर जीएसटी का भुगतान ना के बराबर हो रहा है। जीएसटी की वसूली 30% से भी अधिक नहीं हो रही है और लोग जीएसटी का भुगतान करने में पूरी तरह से हिचकते हैं। अभी त्यौहार का सीजन है बड़ी खरीदारी का सीजन है। हर जगह दिखेगा कि अरबों रुपए की खरीदी बिक्री हो रही है। छोटे-छोटे मार्केट में करोड़ों की खरीदी बिक्री हो जाती है। ऐसे मार्केट में जीएसटी के भुगतान की स्थिति को देख ले तो कहीं बिजी स्त्री का भुगतान लाखों में नहीं पहुंचेगा। जीएसटी की वसूली में कई तरह की खामियां सामने आ रही हैं जिसका क्रेता और विक्रेता फायदा उठा रहे हैं। मैन्युफैक्चरर्स अपना सामान अधिक से अधिक बेचना चाहते हैं लेकिन जीएसटी बिल नहीं देना चाहते। क्रेता भी घर से निकलता है तो उसके मन में अपने बजट में अधिक से अधिक सामान खरीदने की धारणा होती है। उसे जीएसटी का भुगतान करना है ऐसा कोई कांसेप्ट नहीं होता। सरकारों को भी आम लोगों का पर  टैक्स का अधिक भार  डालने के बजाय  "कर्ज" लेकर अपने काम करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखती है। जीएसटी की चोरी-रोधी टीम "ग्रीन वारियर्स"टीम ने अभी शिकायत मिलने पर पंचकूला फरीदाबाद में बड़ा छापा मारा है जहां से बिना चालान के करोड़ों रुपए का पटाखे का सामान बेचने की जानकारी सामने आई है। वहां से 50 लाख से अधिक  बेहिसाब नगदी बरामद की गई है। छत्तीसगढ़ में भी कार्रवाई शुरू होने पर इसी तरह से बेहिसाब संपत्ति मिलने की संभावना है। 

देश में जब जीएसटी सिस्टम लागू किया था तो इसको लेकर कितनी हाय तौबा मची थी, कितना हंगामा हुआ था, आंदोलन तक हुआ, लोग सड़क पर उतर आए, कहा गया कि जीएसटी से बड़ा नुकसान होने जा रहा है। कारोबारियों को भी नुकसान होगा और आम लोगों को भी। व्यापार धंधा पूरा चौपट हो जाएगा। ऐसे हंगामा में सरकार ने दलील दी कि जीएसटी से राजस्व की व्यवस्था दुरुस्त होगी। लेकिन अब लग रहा है कि सारे विरोध और सारे बेहतरी के दावे खुश हो गए हैं। पूरी व्यवस्था  जस की तस ढर्रे पर आ गई है। कारोबार वैसे का वैसे चल रहा है और राजस्व वसूली में बढ़ोतरी की जो उम्मीद की गई थी वह भी पहले के जैसी ही है कहीं कोई बढ़ोतरी नहीं दिखती। सारा शोरगुल टांय टांय फिस्स हो गया है। टैक्सेस की चोरी पहले के जैसे हो रही है। आप बाजार में जाकर देख लीजिए हर दुकानों में भारी भीड़ है। करोड़ों की खरीदी बिक्री हो रही है। त्योहारी सीजन में यह खरीदी बिक्री कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि  जीएसटी की भी बड़ी प्राप्तियां होने जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। त्योहारी सीजन में मार्केट में कोई भी जाकर देख ले  सड़क पर जूते वाले, कपड़े वाले, मिठाईयां वाले, बर्तन वाले, किराना वाले प्रतिदिन लाखों रुपए का सामान बेच ले रहे हैं, लेकिन कोई भी एक रुपए का जीएसटी वाला भी नहीं देता और ना ही क्रेता  इसकी मांग करते हैं। भारत देश का आम क्रेता सिर्फ अपने बजट मैं अधिक से अधिक सामान लेने की प्लानिंग बनाता है। वह जीएसटी अथवा कोई टैक्स के भुगतान के तिकड़म में नहीं पड़ना चाहता। सड़क पर जिस तरह से दुकानदारी बढ़ रही है उसको देखते हुए लगभग प्रत्येक दुकानदारों ने अपने दुकान के सामने एक अलग काउंटर, अलग खोल दिया है।दुकानदारों को सड़क के इसी काउंटर पर अधिक बिक्री होती दिख रही है। जिन दुकानदारों के पास सड़क पर काउंटर खोलने की जगह नहीं है वह शिकायत कर रहे हैं कि हम बिजली का भुगतान करते हैं, ढेर सारे कर्मचारियों को दुकान पर रखना पड़ता है, जिनका वेतन हमें देना है, हमें ऐसी की भी सुविधा देनी पड़ती है, ऐसे में सड़क पर बेचने वाले हमसे ज्यादा मुनाफा कमा ले रहे हैं और उनकी बिक्री भी अधिक हो रही है।

 फरीदाबाद, के पंचकुला से सीजीएसटी जोनचोरी-रोधी शाखा, सीजीएसटी कमिश्नरी को  सूचना मिली थी कि मैसर्स आरपी एंटरप्राइजेज का व्यवसाय का पंजीकृत प्रमुख स्थान गांव-बघोला, जिला पलवल, हरियाणा और सीही गेट, बल्लभगढ़, हरियाणा में अतिरिक्त परिसर है। इस फर्म के द्वारा बिना चालान के करोड़ों रुपए के पटाखों की खरीद-बिक्री की जा रही है। इस पर वहां की चोरी रोधी शाखा फरीदाबाद ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 67 (2) के तहत एक साथ तलाशी ली , जो पूरी रात जारी रही।

उक्त फर्म का गाँव- बघोला, जिला- पलवल, हरियाणा में व्यापार का मुख्य पंजीकृत प्रमुख स्थान एक विशाल परिसर है, जिसमें 21 गोदाम पाए गए, जो एक बहुत ही दुर्गम क्षेत्र में स्थित थे, जो सांपों से पीड़ित और बिजली के बिना पानी में डूबे हुए थे। वाहन योग्य सड़क नहीं होने और क्षेत्र में भारी जलभराव होने के कारण चोरी रोधी अधिकारी ट्रैक्टरों पर बड़ी मुश्किल से परिसर में पहुंचे।

 

चोरी रोधी अधिकारियों ने उक्त परिसर को करोड़ों मूल्य के पटाखों से भरा हुआ पाया, जिसे जब्त कर लिया गया है और परिसर को सील कर दिया गया है। इसके अलावा, अधिकारियों ने जीएसटी की बड़े पैमाने पर चोरी की ओर इशारा करते हुए "कच्ची परची और अन्य दस्तावेजों" के साथ-साथ पचास लाख अस्सी आठ हजार (50.88 लाख) की बेहिसाब नकद राशि भी जब्त की है । जीएसटी की मात्रा का पता नहीं चला और आगे की जांच चल रही है।

यह उल्लेखनीय है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के हालिया आदेशों के आधार पर 10/10/2022 से, हरियाणा सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। हरे पटाखों को छोड़कर।

इस तलाशी अभियान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सीबीआईसी और उसके हथियार जैसे डीआरआई, डीजीजीआई, चोरी-रोधी शाखाएं आदि बहुत सक्रिय रूप से न केवल कर चोरी को रोक रहे हैं बल्कि देश के पर्यावरण की रक्षा भी कर रहे हैं। अब त्योहारी सीजन में अरबों की खरीदारी होने जा रही है और हो रही है। देखना है कि यहां जीएसटी की वसूली के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है और जीएसटी की वसूली कितने प्रतिशत तक बढ़ती है।