Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


देशभर में 60 लाख खाली सरकारी पदों को तुरंत भरा जाये

  राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून संसद में पास करके सभी देशवासियों को रोजगार की गारंटी दी जाये। संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले रोज...

Also Read

 


  • राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून संसद में पास करके सभी देशवासियों को रोजगार की गारंटी दी जाये।

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले रोजगार आंदोलन के तहत 26 नवंबर को सुबह 10 बजे से राष्ट्रव्यापी सामूहिक उपवास का आयोजन हुआ. धरना स्थल बूढ़ातालाब में हुआ सामूहिक उपवास का आयोजन-अज़ीम खान दीप्ति धुरंधर ने कहा आज हमारा देश बेरोज़गारी की मार झेल रहा है बड़ी-बड़ी डिग्रियों लेकर भी युवा आज काम के लिए दर-दर भटक रहे हैं। रोज़गार का नया सृजन करना तो दूर देश भर में लाखों खाली पड़ी सरकारी वैकेंसी पर भर्ती नहीं की जा रही है। जहां भर्ती हो भी रही है, ठेकेदारी व्यवस्था के तहत हो रही है, जहाँ मिनिमम वेज इतना कम है कि जिससे काम करने के बावजूद भी लोगों को सम्मानपूर्वक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है। प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार के नए अवसर पैदा होने की जगह छटनी की तलवार लोगों के सर मंडरा रही है।

अज़ीम खान ने कहा पिछले दिनों पूरे देश ने देखा कि युवाओं के द्वारा उत्तर प्रदेश , दिल्ली , महाराष्ट्र , बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में रेलवे, SSC, UPSC, सेंट्रल पुलिस फोर्स , RRB NTPC, अग्निपथ योजना एवं राज्यों की विभिन्न भर्तियों को लेकर आंदोलन हुए किन्तु युवा विरोधी तनाशाह सरकार द्वारा बातचीत करने के बजाय युवाओं के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया। वहीं हम देख रहे हैं कि देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनवाने के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं। जहाँ तक देश कि आधी आबादी महिलाओं का प्रश्न है, उनकी आर्थिक मजबूती के लिए सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है।

तेजेन्द तोड़ेकर ने कहा देश में अलग अलग विभागों में लगभग 60 लाख सरकारी पद खाली है। जिसपर सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है। ऐसा लगता है कि सरकार रोजगार को लेकर गंभीर नहीं है | बेरोज़गारी की समस्या के समाधान के लिए भारत में आज़ादी के बाद जिस तरह की नीतियां बनाने की जरूरत थी, हमारी अब तक की सरकारों ने वैसी नीतियां नहीं बनाई। यही वजह है कि आज़ादी के सात दशक से ज्यादा वक्त गुज़र जाने के बाद भी हमारे देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति नहीं बन पाई है।

सुनील किरण ने कहा पहले से ही बेरोज़गारी की मार झेल रही हमारी अर्थव्यवस्था को कोरोना ने और अधिक चिंताजनक स्थिति में पहुंचा दिया। बेरोजगारी से त्रस्त छात्र, युवा, मज़दूर, किसान अपने अपने स्तर पर लगातार सरकार से बेरोजगारी के समाधान के लिए संघर्षरत हैं। परन्तु सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम अबतक नहीं उठाया गया है।

देश की बात फाउंडेशन के आह्वाहन पर संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले देशभर में 60 लाख खाली सरकारी पदों को तुरंत भरने एवं राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून संसद में पास करके सभी देशवासियों को रोजगार की गारंटी दी जाये इस मांग के साथ रोजगार आंदोलन के तहत आगामी 26 नवंबर को सुबह 10 बजे से राष्ट्रव्यापी सामूहिक उपवास का आयोजन किया गया। इसी के तहत 26 नवंबर को सुबह 10 बजे से रायपुर में बूढातालाब में सामूहिक उपवास का आयोजन हुआ जिसमे विश्वविद्यालय के छात्र- छत्राएं, युवा एवं स्थानीय स्तर पर संघर्षरत संगठनो के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख साथी विजय झा, दीप्ति धुरंधर, सुनील किरण, राजेश सरकार,अजीम खान, तेजेन्द तोड़ेकर, सपना समुन्रदे,कलावती मार्को, पंचुदास बारले, राकेश अवधिया, नरेंद्र ठाकुर, नीरज साहू, अनुषा जोसेफ, प्रदुमन शर्मा एवं साथी उपस्थित रहें।