कानपुर . अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में दशकों बाद चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां कर ली जाएंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर ली ...
कानपुर. अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में दशकों बाद चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां कर ली जाएंगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर ली गई हैं। कानपुर में फोर्थ क्लास के 800 पद रिक्त चल रहे हैं। यह नियुक्तियां आउटसोर्सिंग से होंगी। पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक विद्यालय प्रबंधक महासभा और शिक्षणेत्तर एसोसिएशन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। नगर के माध्यमिक विद्यालयों में फोर्थ क्लास के पद खाली चल रहे हैं। कभी इन पदों पर प्रिंसिपल को अधिकार था कि वह नियुक्ति कर सकता था। दशकों पहले इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई। जो कर्मचारी रिटायर हो गए उनके पदों को नहीं भरा गया। किसी तरह प्रबंधन बिना फोर्थ क्लास के काम चलाते रहे। अब नियुक्तियों के लिए आदेश तो हो गया है लेकिन यह आउट सोर्सिंग से होंगी। संकायवार इनकी संख्या भी तय कर दी गई है।
डीआईओएस ने मांगी जानकारी
जिला विद्यालय निरीक्षक रामकिशोर ने सभी माध्यमिक विद्यालयों से फोर्थ
क्लास कर्मचारियों का पूरा विवरण मांगा है। इसके बाद ही चयन की प्रक्रिया
शुरू होगी।
इसलिए किया जा रहा है विरोध
प्रबंधक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता का कहना है कि एक तो
आउटसोर्सिंग से नियुक्तियां हो रही हैं। दूसरे नियुक्ति में विद्यालय को
अलग-थलग कर दिया गया है। एक एजेंसी जो नाम देगी उनका इंटरव्यू जो समिति
लेगी उसमें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक, जिला विद्यालय
निरीक्षक और मंडलायुक्त के प्रतिनिधि होंगे। स्कूल का न तो प्रबंधक होगा
और न ही प्रधानाचार्य। पूर्व में नियुक्तियां प्रधानाचार्य ही करते थे।
चयनित कर्मचारी को 13072 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा। इसमें 18 फीसदी पीएफ
और 3.5 फीसदी ईएसआई भी कटेगा।
मुख्यमंत्री को पत्र भेजा
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन के महामंत्री संतोष तिवारी का
कहना है कि आउटसोर्सिंग से नियुक्तियां असंवैधानिक और समानता के खिलाफ
हैं। मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर यह नियुक्तियां भी चयन बोर्ड से कराने की
मांग की है।