नई दिल्ली . दिल्ली में एमसीडी चुनाव से पहले आम आमदी पार्टी (आप) नई मुश्किलों में घिर गई है। पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी पर एमस...
नई दिल्ली. दिल्ली में एमसीडी चुनाव से पहले आम आमदी पार्टी (आप) नई मुश्किलों में घिर गई है। पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी पर एमसीडी चुनाव के लिए टिकट बिक्री के आरोप लगे हैं। 55 लाख रुपए देने के बावजूद टिकट नहीं मिलने से नाराज दावेदार की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ा ऐक्शन लिया है। एसीबी ने विधायक के रिश्तेदार समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। 33 लाख रुपए नकदी की भी बरामदगी की गई है।
एसीबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ओम सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है, जो विधायक के साले बताए जा रहे हैं। ओम सिंह के अलावा विधायक के पीसी शिव शंकर पांडेय उर्फ विशाल पांडेय और प्रिंस रघुवंशी को एमसीडी चुनाव में टिकट के बदले रिश्वत स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कमला नगर निवासी गोपाल खाड़ी ने एसीबी से शिकायत की थी। उनका आरोप था कि उनकी पत्नी शोभा खारी को टिकट देने के लिए पैसे लिए गए थे, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं था।
एसीबी की ओर से बताया गया है कि 14 नवंबर को गोपाल खारी ने शिकायत में बताया कि वह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और 2014 से ही पार्टी में एक्टिव हैं। गोपाल के मुताबिक, 9 नवंबर को विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी से मुलाकात करके उन्होंने पत्नी के लिए वार्ड नंबर 69 कमला नगर से टिकट देने की अपील की। इसके लिए विधायक ने 90 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। एसीबी के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने 35 लाख रुपए अखिलेशपति को और 20 लाख रुपए वजीरपुर से विधायक राजेश गुप्ता को दिए। बचे हुए 35 लाख रुपए टिकट मिलने के बाद देने की बात कही गई। 12 नवंबर को जब उम्मीदवारों की सूची आई तो गोपाल को अपनी पत्नी का नाम नहीं दिखा।
इसके बाद ओम सिंह ने शिकायतकर्ता से संपर्क किया और उन्हें भरोसा दिया कि अगले चुनाव में टिकट दिया जाएगा। उसने रिश्वत की रकम लौटाने का भी ऑफर दिया। एसीबी के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने ऑडियो और वीडियो सबूत भी सौंपे। इसके बाद एसीबी ने एसीपी राजेंद्र कुमार की अगुआई में एक टीम का गठन किया। 15-16 नवंबर की रात टीम ने शिकायतकर्ता गोपाल के घर जाल बिछा दिया। यहां पर जब अखिलेश पति त्रिपाठी के तीनों करीबी 33 लाख रुपए वापस करने आए तो स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में रंगे हाथ पकड़ लिया गया। एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। 33 लाख रुपए भी जब्त कर लिए गए हैं। एसीबी ने केस दर्ज करके पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।