राज्य सरकार चुनावी साल में प्रदेश में हिन्दी मीडियम के 425 आत्मानंद स्कूल खोलने जा रही है। अगले साल बजट में इन स्कूलों को शामिल किया जाए...
राज्य सरकार चुनावी साल में प्रदेश में हिन्दी मीडियम के 425 आत्मानंद स्कूल खोलने जा रही है। अगले साल बजट में इन स्कूलों को शामिल किया जाएगा। राज्य सरकार प्रदेश के हर जिले में स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना पर काम कर रही है। प्लान यह है कि हर जिले में न्यूनतम एक से लेकर दो दर्जन तक ऐसे उत्कृष्ट स्कूल खोल दिए जाएं। इसके लिए वहीं के मौजूदा स्कूल को हिंदी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल के तौर पर विकसित कर दिया जाएगा।
अभी आत्मानंद स्कूल ज्यादातर शहरी और कस्बाई इलाकों में खुले हैं। आने वाले साल में इन्हें दूरस्थ इलाकों में भी खोला जाएगा। बता दें कि अभी राज्य में कुल 279 स्वामी आत्मानंद स्कूल चल रहे हैं। इनमें 247 स्कूल अंग्रेजी मीडियम, जबकि 32 स्कूल हिन्दी मीडियम के हैं। जिन स्कूलों को हिंदी मीडियम आत्मानंद स्कूलों के रूप में डेवलप करना है, स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें चिन्हित कर प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया है।
2020 में 52 स्कूलों से शुरुआत, हर जगह क्रेज
राज्य
में दो साल पहले 2020 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल योजना शुरू हुई।
योजना के तहत पहले साल राज्य के अलग- अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए।
पहले ही साल एडमिशन के लिए 20 हजार से अधिक आवेदन आए। दो साल में क्रेज
इतना बढ़ा कि 2022-23 में एडमिशन के लिए 2.50 लाख से ज्यादा आवेदन आए। सीएम
भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में लोगों की ओर से सबसे ज्यादा
मांग इन्हीं स्कूलों की रही। इस वजह से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी-हिंदी
स्कूल प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है।
रायपुर की तरह पुराने स्कूल ही बनाए जाएंगे स्मार्ट
स्वामी
आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल की तरह ही स्कूलों के मौजूदा भवनों को भी
स्मार्ट बनाया जाएगा, जैसा रायपुर में हुआ है। क्लास रूम में ग्रीन बोर्ड
या स्मार्ट बोर्ड और अच्छी क्वालिटी के बेंच डेस्क लगाए जाएंगे। प्रैक्टिकल
लैब को भी अपडेट किया जाएगा।
पीएमश्री स्कूल भी ऐसे ही
मोदी
सरकार ने इसी साल पीएमश्री स्कूल योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत देशभर
के 14500 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। इन स्कूलों में भी स्वामी
आत्मानंद स्कूलों की तरह लेटेस्ट तकनीक, स्मार्ट क्लास रूम, अन्य सुविधाएं
तथा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। ये केंद्रीय विद्यालयों की तरह केंद्रीय
शिक्षा मंत्रालय के अधीन होंगे।