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तीन साल पुराने जघन्य हत्याकांड में आया फैसला, आरोपियों को दोष सिद्ध पाए जाने पर उम्रकैद

  रायपुर । असल बात न्यूज़।।         00  विधि संवाददाता  राजधानी रायपुर में लगभग तीन साल पहले मरीन ड्राइव तेलीबांधा के जघन्य हत्याकांड के माम...

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 रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।  

      00  विधि संवाददाता 

राजधानी रायपुर में लगभग तीन साल पहले मरीन ड्राइव तेलीबांधा के जघन्य हत्याकांड के मामले में न्यायालय का फैसला हो गया है। न्यायालय ने हत्या के  मामले में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश रायपुर श्रीकांत श्रीवास के न्यायालय में सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपियों को सामान्य आशय से निर्मित कर उसके अग्रसर में हत्या की घटना कारित करने और अपने अधिपत्य में घातक चाकू रखकर शासन की अधिसूचना का उल्लंघन करने का दोषी पाया है जिसके बाद वह  सजा सुनाई गई हैं। दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन के सामने इस मामले में चुनौती है कि प्रकरण में एक खतरनाक आरोपी अभी भी फरार है।

उल्लेखनीय है कि अत्यंत भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर हुए इसे जघन्य कांड से पूरी राजधानी रायपुर में आक्रोश फैल गया था तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की आवाज उठाई गई। अभियोजन पक्ष के द्वारा प्रस्तुत अभियोग पत्र के अनुसार आरोपियों ने दीपक नायडू को उसके घर से शराब पीने के बहाने बुलाकर उस पर घातक हथियार से जानलेवा हमला कर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों में से एक अरशद के पिताजी का दीपक नायडू के परिवार से कुछ दिन पहले झगड़ा हुआ था जिसके बाद से उसके परिवार के सदस्य उससे रंजिश रखते थे। आरोपियों ने मृतक पर जब जानलेवा हमला किया तो उस समय वह अपने बीवी से मोबाइल पर बातचीत कर रहा था और उस पर हमला करने से उसका मोबाइल गिर गया था इसके बाद उसकी बीवी रोने लगी। संभवता  दीपक नायडू ने मरने से पहले अपनी बीवी को उस पर हुए हमले के बारे में पूरी जानकारी दे दी थी। अरशद जब शराब पीने के लिए उसे बुलाने उसे घर आया था तो दीपक नायडू अलग मोटरसाइकिल से निकला और उसके पीछे-पीछे अरशद भी अलग मोटरसाइकिल से चला गया। देर होने लगी तो उसकी पत्नी समा ने उसे मोबाइल पर कॉल किया और उसे जल्दी घर लौटने को कहा था। मामले में दीपक नायडू की बहन ने एफ आई आर दर्ज कराई। प्रकरण में एक आरोपी नदीम कुछ दिन पहले जमानत पर छूट गया था,वही एक आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है।

सार्वजनिक स्थल  पर तेज धार वाले अस्त्र, जिसका फलक 6इंच से अधिक लंबा अथवा 2 इंच से अधिक चौड़ा हो तथा स्प्रिंगदार किसी भी प्रकार के अस्त्र का अर्जन,कब्जा रखना या उन्हें लाना ले जाना कानून में प्रतिसिद्ध किया गया है। न्यायालय ने विचारण में पाया कि आरोपी अरशद,  नदीम से पुलिस ने जो धार धार घातक चाकू जब्त किया है,वह अधिसूचना में उल्लेखित प्रतिसिद्ध चाकू के अनुरूप है। न्यायालय के द्वारा प्रकरण में सुनवाई और विचारों की प्रक्रिया काफी तेज गति से पूरी की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अरविंद सिंह चीमा के द्वारा प्रकरण में निवेदन किया गया कि आरोपियों के द्वारा षड्यंत्र करके हत्या की घटना को कारित किया गया जिससे अभियुक्तों को अधिकतम सजा दी जाए। न्यायालय में विचारण में यह पाया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि आरोपियों ने दीपक नायडू की हत्या कारित करने का षडयंत्र किया। यह भी पाया गया कि अभिलेख में प्रस्तुत परिस्थिति जन्य साक्षय  स्वयं आरोपियों के दोषी होने की  परिकल्पना को निर्दिष्ट करते हुए सुसंगत हैं। 

न्यायालय के द्वारा अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 ख और 302/34 के तहत आजीवन कारावास और धारा 251 (ख)ख 27 आयुध अधिनियम के तहत 3 वर्ष के कारावास तथा क्रमश 500, 500, 500 एवं ₹300 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अर्थदंड नहीं अदा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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