नयी दिल्ली. सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन सोमवार से यहां शुरू हो गया जिसमें पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध सहित विभिन्न सु...
नयी दिल्ली. सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन सोमवार से यहां शुरू हो गया जिसमें पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध सहित विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों और उनसे निपटने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
पांच दिन के इस सम्मेलन में सेना को भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सशक्त और सक्षम बनाने के बारे में भी गहन विचार विमर्श किया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दस नवंबर को सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष तथा नौसेना और वायुसेना प्रमुख भी शीर्ष सैन्य कमांडरों के समक्ष मौजूदा सुरक्षा स्थिति तथा सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों के बारे में अपने विचार रखेंगे। इस दौरान तीनों सेनाओं के बीच समन्वय तथा तालमेल बढ़ाने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
सम्मेलन में अन्य निर्धारित गतिविधियों के अलावा कुछ ज्वलंत विषयों जैसे समकालीन भारत चीन संबंध और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी आधारित चुनौती आदि पर भी गहन विचार विमर्श किया जाएगा।
सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन वर्ष में दो बार होता है और इसमें सभी प्रमुख कमांडर तथा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हिस्सा लेते हैं। सम्मेलन में सेना से सम्बन्धित मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श के बाद महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की रूपरेखा भी तैयार की जाती है
सम्मेलन के दौरान सभी वरिष्ठ सैन्य कमांडर उभरती सुरक्षा चुनौतियों और प्रशासनिक मुद्दों पर गहन विचार मंथन करते हैं।