इस्लामाबाद . अमेरिका पाकिस्तान को रूस से तेल खरीदने से नहीं रोक सकता है। दुबई में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ता...
इस्लामाबाद. अमेरिका पाकिस्तान को रूस से तेल खरीदने से नहीं रोक सकता है। दुबई में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पाक के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि हम भारत की तरह उन्हीं शर्तों में रूस से तेल खरीदेंगे और जल्द ही ऐसा होने जा रहा है। दरअसल, डार ने पिछले महीने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें रूस से तेल खरीद के मामले पर चर्चा हुई थी। पाकिस्तान रूस से सिर्फ ईंधन ही नहीं गेहूं भी चाहता है। यही वजह है कि इस तरह की खबरें महीनों से चल रही है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, भारत का उदाहरण देते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि मंत्रालय रूस से समान शर्तों पर तेल खरीदने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा, "अगले कुछ महीनों में आप देखेंगे कि सरकार इस संबंध में पाकिस्तान के पक्ष में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।" यह पहली बार नहीं है जब डार ने ऐसी टिप्पणी की है।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, डार ने पिछले महीने वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि उनका देश रूस से ईंधन खरीदने के लिए तैयार है, अगर वही दर जो भारत भुगतान कर रहा है, वह पाकिस्तान पर भी लागू हो तो।
भारत में ज्यादा डिमांड
पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस वार्ता में प्रवक्ता नेड
प्राइस ने कहा कि अमेरिका रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से तेल और गैस पर छूट
देने के बारे में सख्त है। उन्होंने यह भी कहा, "तथ्य यह भी है कि भारत में
ऊर्जा की उच्च मांग है। इसलिए वह रूस से तेल और अन्य प्रकार की ऊर्जा आयात
कर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहा है। इसका मतलब यह कतई नहीं कि भारत उनके
द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से पीछे हट रहा है।"
रूस से गेहूं भी खरीदना चाहता है पाक
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा रूस से गेहूं और ईंधन की खरीद की
खबरें महीनों से चल रही हैं। इस महीने की शुरुआत में, पाकिस्तानी सरकार ने
अपनी घरेलू कमी को पूरा करने के लिए रूस से 300,000 टन गेहूं आयात करने के
लिए लगभग 112 मिलियन अमरीकी डालर के सौदे को मंजूरी दी थी। यह सौदा तब हुआ
जब पाकिस्तान अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को संतुलित करने और विनाशकारी बाढ़
के बाद के प्रबंधन के लिए संघर्ष कर रहा था। विनाशकारी बाढ़ में पाकिस्तान
में हजारों लोगों की मौत हो गई थी और अरबों की संपदा का नुकसान हुआ था।