कोण्डागांव, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बहुत से ऐसे रोजगारपरक और आयमूलक कार्य किये जा रहे हैं। जिसका ...
कोण्डागांव, महात्मा
गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बहुत से ऐसे
रोजगारपरक और आयमूलक कार्य किये जा रहे हैं। जिसका लोगों को प्रत्यक्ष एवं
अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा हैं। योजना का उद्देश्य ना केवल लोगों को
रोजगार उपलब्ध कराना हैं वरन उससे लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करना हैं
जिससे ना केवल वह खुद की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें बल्कि अन्य लोगों को
भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा मछली पालन को कृषि का दर्जा प्रदान किया गया है। राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी मछली पालन करके आर्थिक सम्पन्नता की ओर अग्रसर हो रही हैं। वे मछली पालन करके स्वयं तो आत्मनिर्भर बन रही हैं, साथ में अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं।
इसी तरह जुगानीकलार के ही श्री सुखराम पहले से ही सूकरपालन कर रहे थे, उनके पास 3 सूकर थे, परंतु उनको रखने के लिए उनके पास उचित स्थान नहीं था। जब उन्हें ग्राम के सरपंच से यह पता चला कि नरेगा के तहत् शासन द्वारा सूकर शेड निर्माण की अनुमति प्रदान की जाती है तो सुखराम द्वारा तुरंत ही उसका प्रस्ताव बनाकर शेड निर्माण की मांग प्रस्तुत की गई और उन्हें नरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में सूकरपालन के लिए सूकरपालन शेड निर्माण हेतु 80 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। कम समय में ही शेड का निर्माण कर सूकर पालन करने लगे और अब सुखराम अपने सूकरपालन की आयमूलक गतिविधि को बढ़ा चुके हैं और उनके पास 3 सूकर से 10 सूकर हो गये हैं। वर्तमान में सूकर की मांग तेजी से बढ़ी है जिससे उन्हें भरोसा है कि आगामी दिनों में सूकर विक्रय कर अपनी आय में अच्छी वृद्धि करेंगे।