नई दिल्ली. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर उनकी याद में हर वर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के तौर पर मनाया ...
नई दिल्ली. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर उनकी याद में हर वर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था। बच्चे प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही वजह है कि 14 नवंबर का दिन चाचा नेहरू और बच्चों को समर्पित किया गया है। नेहरू जी को याद करने के लिए बहुत से लोग अपने दोस्तों और करीबियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं भेजते हैं। यहां हम कुछ मैसेज और शायरी शेयर कर रहे हैं जिन्हें दोस्तों को भेजकर बाल दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं और अपने बचपन के खूबसूरत दिनों को याद कर सकते हैं। इन मैसेज को पढ़ने के बाद आपको अहसास होगा है कि बचपन क्या होता है या हमें अपने अंदर के बच्चे को कैसे और क्यों जिंदा रखना चाहिए।
यहां कुछ चुनिंदा मैसेज और चाचा नेहरु के विचार दिए जा रहे हैं जिन्हें आप अपने भेजकर बाल दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
बचपन है ऐसा खजाना, जो आता नहीं दोबारा
मुश्किल है इसको भुलाना, वो खेलना, कूदना और खाना,
और मौज-मस्ती में इठलाना
Happy Children's Day
रोने की वजह न थी, न हंसने का बहाना था
क्यों हो गए हम इतने बड़े, इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
Happy Children's Day
हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे
जावेद अख़्तर
Happy Children's Day
खबर ना होती कुछ सुबह की
ना कोई शाम का ठिकाना था
थक हार के आना स्कूल से
पर खेलने को तो जरूर था जाना!
Happy Children's Day
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर
– मक़सूद बस्तवी
बाल दिवस की शुभकामनाएं
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है
– जोश मलीहाबादी
बाल दिवस की शुभकामनाएं
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
सिराज फ़ैसल ख़ान
हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे
जावेद अख़्तर
चाचा नेहरु के प्रेरक विचार -
- जो व्यक्ति भाग जाता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।
- विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं।
- हम वास्तविकता में क्या हैं वो और लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं उससे कहीं अधिक मायने रखता है।