नई दिल्ली. ISRO जासूसी से जुड़े साल 1994 के मामले में 4 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने चारों की अग्रिम जमानत र...
नई दिल्ली. ISRO जासूसी से जुड़े साल 1994 के मामले में 4 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने चारों की अग्रिम जमानत रद्द कर दी है। साथ ही केरल हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर मामले को फिर HC के पास पुनर्विचार के लिए भेजा है। साथ ही एपेक्स कोर्ट ने सीबीआई को चारों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने के भी आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को सु्प्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने 5 सप्ताह के लिए आरोपियों को गिरफ्तारी से भी राहत दी है। इस मामले में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार और तीन अन्य लोग आरोपी हैं। मैथ्यूज पर साल 1994 में ISRO साइंटिंस्ट नांबी नारायणन को फंसाने के आरोप लगे थे।
क्या है नांबी नारायणन मामला
नारायणन ISRO के साइंटिस्ट रह चुके हैं। साल 1994 में उन्हें जासूसी के
मामले में फंसाया गया था। उनपर भारतीय स्पेस प्रोग्राम से जुड़े गोपनीय
दस्तावेज दूसरे देशों को भेजने के आरोप थे। नारायणन के अलावा 5 और लोगों पर
जासूसी और दूसरे देशों को रॉकेट की तकनीक भेजने के आरोप लगाए गए थे।
इस मामले में नारायणन को दो महीने जेल में बिताने पड़े थे। बाद में सीबीआई ने पाया था कि उनके खिलाफ लगे आरोप झूठे हैं। इस मामले की पहले जांच प्रदेश पुलिस ने की थी, जिसे बाद में केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया था।