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मकान खाली कराने के विवाद में जानलेवा हमला कर देने के आरोपी को दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा

  रायपुर। असल बात न्यूज़।।         00  विधि संवाददाता    यहां शहर के अत्यंत व्यस्ततम इलाके आजाद चौक के रामकुंड क्षेत्र में लगभग दो साल पहले ...

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 रायपुर।

असल बात न्यूज़।।  

     00  विधि संवाददाता  

यहां शहर के अत्यंत व्यस्ततम इलाके आजाद चौक के रामकुंड क्षेत्र में लगभग दो साल पहले मकान खाली कराने के विवाद में जानलेवा हमला कर देने जिसमें एक की मृत्यु हो गई थी, के मामले में न्यायालय का फैसला आ गया है। न्यायालय के द्वारा प्रकरण में दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश रायपुर अमित राठौर के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। आरोपी के गरीब होने की याचिका करने पर उसे न्यूनतम मात्र ₹200 का अर्थदंड दिया गया है। न्यायालय ने पाया कि अभियोजन पक्ष प्रकरण में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 449 और 302 के अंतर्गत के आरोपों को प्रमाणित करने में सफल रहा है। 

मामले के तथ्य इस प्रकार है कि मृतक शिव ध्रुव और उसकी पुत्री प्रार्थीया सुरेखा उर्फ रेखा ध्रुव आरोपी के रामकुंड उड़िया पारा रायपुर में स्थित मकान में किराए पर रहते थे। शिव ध्रुव पिछले 17 वर्षों से हलवाई का काम करते थे और प्रार्थीया वही सुराणा स्टोर्स में सेल्स गर्ल का कार्य करती थी। घटना के दिन प्रार्थीया अपने काम पर चली गई थी उसके पिता शिव ध्रुव का काम नहीं था, तो वह घर पर ही रुक गया था। 

घटना के दिन 11 जनवरी 2021 को भी आरोपी परमानंद मरकाम उनके घर पहुंच कर मकान का किराया बढ़ाने  अन्यथा घर खाली करने के नाम पर विवाद करने लगा। और वहां मारपीट पर उतारू हो गया तो आरोपी का पिता वहां बीच-बचाव करने पहुंचा लेकिन आरोपी ने उसे भी एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद आरोपी ने वही रखें सेंटिंग के लकड़ी से शिविरों पर हमला कर दिया जिससे उसे गंभीर चोटें आई और बाद में उसे वही कमरे में मृत पाया गया। 

न्यायालय ने विचारण में पाया कि आरोपी के द्वारा अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर गृह अतिचार कारीत कर सेंटरिंग लकड़ी के टुकड़े से मारपीट कर हत्या कर दी गई।

अभियुक्त को दोषसिद्ध पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के आरोप में 10 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹100 अर्थदंड तथा धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास एवं ₹100 का अर्थदंड तथा अर्थदंड के व्यतिक्रम पर 2 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।