रायपुर, छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ कहे जाने वाले क्षेत्र नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों जहां तक पहुंचपाना बेहद मुश्किल था। वहां के निवासी चार स...
रायपुर, छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ कहे जाने वाले क्षेत्र नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों जहां तक पहुंचपाना बेहद मुश्किल था। वहां के निवासी चार साल पहले विकास से वंचित थे, परंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं ने इस नामुमकिन को मुमकिन में बदल दिया है और अब वहां विकास की किरण हर घर तक पहुंच रही है।
मानसून के मौसम में इंद्रावती नदी में भारी जल प्रवाह के कारण जून से सितंबर के महीनों में यह क्षेत्र पूरी तरह से अलग-थलग रहता था, लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से इंद्रावती नदी पर छिंदनार पुल का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है और इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यह पुल ग्रामीणों के लिए बस्तर क्षेत्र की मुख्य भूमि का हिस्सा बनने की आशा की किरण बन गया है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने दंतेवाड़ा और बीजापुर से अबूझमाड़ क्षेत्र तक पहुंचने के लिए इंद्रावती नदी पर छह ओवर ब्रिज बनाने की रणनीति तैयार की है।
संपर्क से विकास की रणनीति
यहां के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र के गांवों में विकास की कई योजनाएं कई वर्षों से लंबित थीं। 38 करोड़ रुपये की लागत से छिन्दनार गांव में, देवगुड़ी, डेनेक्स टेक्सटाइल फैक्ट्री के पास इंद्रावती नदी पर पुल का निर्माण जैसी परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। वहां के ग्रामीणों ने बताया कि करीब चार माह के मानसून सीजन के दौरान इंद्रावती के आसपास का क्षेत्र जिला मुख्यालय से लगभग कट जाता था, ग्रामीणों के पास चिकित्सा की देखभाल की बहुत कम थी और स्वास्थ्य विभाग का यहां कोई पहुंच नहीं थी। पुल निर्माण के बाद इसने रोजगार के नए रास्ते भी खोले हैं और कृषि कार्यों के लिए कनेक्टिविटी की समस्या को भी कम किया है।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में कई कारणों से बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही थी। पुल निर्माण के बाद ग्राम पंचायत तुमरीगुंडा में 18 वार्ड में 18 ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली पहुंचाई गई, जिससे 410 परिवार लाभान्वित हुए हैं. इसके साथ ही इन गांवों के स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है, पुल बनने के बाद 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस इन गांवों में आसानी से पहुंच रही है।
किसानों ने बताया कि उनके गांव में पुल बनने के बाद अब नदी का पानी खेतों को दिया जा रहा है, साथ ही क्षेत्र की सिंचाई सुविधा में सुधार हुआ है, जिसका लाभ किसानों को भी मिल रहा है, जिससे गांवों में फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। जिला प्रशासन ने बताया कि यह नई पहल दंतेवाड़ा जिले में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार दूरस्थ एवं आंतरिक क्षेत्रों में की जा रही है। जिसके तहत इंद्रावती नदी पर छिंदनार पुल का निर्माण किया गया है, जिसकी लंबाई 712 मीटर है और इसे 2 साल के भीतर पूरा किया गया है. इसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी ने 25 जनवरी 2022 को किया था। पुल के उद्घाटन के बाद अब प्रशासन द्वारा इंद्रावती के दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान हो गया है। पहले लोग और प्रशासन डोंगी या नावों के सहारे नदी पार करते थे और प्रशासन को बहुत परेशानी होती थी, अब मोबाइल मेडिकल यूनिट इन सभी सामानों को पहुंचाने के लिए पुलों के माध्यम से पहुंच रही है. तेंदूपत्ता की खरीद भी आसान हो गई है।
सुविधाओं के बारे में बात करते हुए दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि स्कूल, आंगनबाडी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र आदि चीजों का निर्माण शुरू हो चुका है और निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा और लोगों को इन सब सुविधााओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पहले माल ढुलाई में बहुत परेशानी होती थी लेकिन पुल निर्माण से विकास का द्वार खुल गया है। अब वहां सभी सुविधाएं पहुंच रही हैं, स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं और लोगों को जो भी सुविधाएं दी जा रही हैं उन्हें शिविर के माध्यम से दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहा है. विकास कार्य रणनीति के तहत किया जा रहा है और जल्द ही जिला मुख्यालय के आसपास की पंचायतों की तर्ज पर दूर-दराज की पंचायतों का विकास किया जाएगा और सभी मूलभूत सुविधाएं- सड़क, बिजली, आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन उपलब्ध कराया जा रहा है। वे सभी लोग जो पात्र हैं उन्हें सभी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है।