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सेंट्रल पूल में देश में दूसरे सबसे बड़े धान योगदानकर्ता बनने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी सभी छत्तीसगढ़वासियों को बधाई

  धान खरीदी का पिछले वर्ष का रिकार्ड टूटा: अब तक 103 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी   22.86 लाख किसानों ने बेचा धान: किसानों को 21,237 करोड़...

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 धान खरीदी का पिछले वर्ष का रिकार्ड टूटा: अब तक 103 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

 22.86 लाख किसानों ने बेचा धान: किसानों को 21,237 करोड़ रूपए का भुगतान 

कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स द्वारा 80 लाख मीट्रिक टन धान का हुआ उठाव 


रायपुर।
 असल बात न्यूज़।।  

   00  विशेष संवाददाता 

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में सबसे अधिक धान खरीदी तथा सेंट्रल पूल में देश में दूसरे सबसे बड़े धान की आपूर्ति के योगदानकर्ता बनने पर सभी छत्तीसगढ़वासियों को बधाई दी है।

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के चालू खरीफ सीजन में अब तक के सभी वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 103 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। पिछले वर्ष 2021-22 में 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। धान खरीदी 31 जनवरी 2023 तक चलेगी। इस तरह धान खरीदी का यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। राज्य के 22.86 लाख किसानों ने धान विक्रय किया है। धान के एवज में इन किसानों को 21,237 करोड़ रूपए का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत उनके बैंक खातों में सीधे किया गया है।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चालू खरीफ सीजन में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। धान खरीदी केन्द्रों में दिख रही किसानों की चहल-पहल और धान की आवक से यह अनुमान है कि यह लक्ष्य भी आसानी से प्राप्त हो जाएगा।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का निरंतर उठाव जारी है। अब तक कुल धान खरीदी 103 लाख मीट्रिक टन धान में से 88.25 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा लगभग 80 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।



  गौरतबल है कि राज्य सरकार की किसान हितैषी फैसलों से पिछले चार वर्षों में लगातार किसानों के पंजीयन और रकबा में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 24.97 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें 2.30 लाख नए किसान हैं। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से राज्य में 2617 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।
 खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 19 जनवरी को 19 हजार से अधिक किसानों से 78.21 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से लगभग 5 हजार टन धान की खरीदी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ सीजन में सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। इसी तरह राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट पर माल वाहकों की चेकिंग की जा रही है। 
प्रदेश में 103 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी का रिकॉर्ड भी हर साल टूटता जा रहा है और सरकार की न्याय योजनाओं से किसानों और ग्रामीणों का जीवन सुखद हुआ है। पिछले चार सालों में राज्य के खेती किसानी के प्रति रूझान बढ़ा है। खेती छोड़ चुके किसान अब फिर से खेती से जुड़ रहे हैं। इससे फसल का रकबा भी बढ़ रहा है। सरका द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास के फलस्वरूप गांवों में समृद्धि आ रही है। किसान मजबूत हो रहे है। इसका असर भी उनके खेती करने के तौर तरीके पर दिख रहा है। गांव-गांव में आजकल ट्रैक्टरों सहित अन्य कृषि उपकरणों की खरीदी हो रही है।

समर्थन मूल्य पर व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से हो रही खरीदी के कारण धान खरीदी में आ रही दिक्कत दूर हो रही है। किसानों की सुविधा के लिए टोकन तुंहर हाथ ऐप से ऑनलाइन टोकन उपलब्ध कराए जा रहे है। धान विक्रय करने वाले किसानों को अब किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। धान खरीदी का भुगतान भी बैंक के माध्यम से सीधे उनके खातों में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या तथा खेती का रकबा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
  बलौदाबाजार जिले के किसान श्री नरेंद्र वर्मा बताते है कि वे 45 एकड़ में धान की खेती करते हैं। पिछले चार वर्षाें में उनका रकबा साल दर साल बढ़ता गया है। हर साल धान विक्रय करने के बाद वे और खेत खरीदते है ताकि हर साल उनका रकबा बढ़ता रहे। खेती करने के लिए उनके पास ट्रैक्टर है। इस वर्ष उन्होंने 800 क्विंटल धान का सोसायटी में विक्रय किया है। उन्हें बैंक के माध्यम से उनके खाते में करीब 15 लाख रूपए का भुगतान किया गया। अब वे इस राशि से नया खेत खरीदेंगे।
  
 महासमुंद जिले के किसान श्री धनश्याम चंद्राकर बताते है कि खेती उनका पैतृक व्यवसाय है। उन्होंने 6 एकड़ में धान की खेती की है। पिछले चार सालों में उनके रकबे में बढ़ोतरी हुई है और उन्होंने 71.20 क्विंटल धान बेचा है। उन्होंने टोकन तुंहर हाथ ऐप से ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया। वर्ष 2020 में उन्होंने 67 क्विंटल धान विक्रय किया था। इसके बाद वे हर साल 71 क्विंटल से ज्यादा धान का विक्रय कर रहे है।
  रायपुर जिले के ग्राम मंदिर हसौद के किसान श्री पारस वर्मा बताते है कि वे 2.5 एकड़ खेत में धान की खेती करते हैं। उन्होंने इस वर्ष 33 क्विंटल धान बेचा और उनके खाते में 50 हजार रूपए आए। उन्होंने फसल की कटाई करने के लिए नया हारवेस्टर खरीदा है। धान विक्रय कर प्राप्त भुगतान से उन्होंने मजदूरों को तुरंत उनकी मजदूरी दी। साथ ही उच्च गुणवत्ता के खाद खरीदे। वे बताते है कि उच्च गुणवत्ता के खाद के उपयोग से उन्हें अच्छी पैदावार मिली है। 

नया रिकॉर्ड बनने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्वीट

पुराने रिकॉर्ड टूटने के बाद यह भी हमारी एक बड़ी उपलब्धि है कि वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) में हम सेंट्रल पूल में देश के दूसरे सबसे बड़े धान योगदानकर्ता बन गये हैं।
सबको बधाई।