दुर्ग । असल बात न्यूज़।। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन विधानसभा क्षेत्र की पिछले चार वर्षों में काफी कुछ तस्वीर बदल गई है और अब इ...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन विधानसभा क्षेत्र की पिछले चार वर्षों में काफी कुछ तस्वीर बदल गई है और अब इस क्षेत्र को नए सिरे से संवारने तथा औद्योगिक निवेश बढ़ाने की नई योजना बन रही है। यहां निवेश को बढ़ावा देने एक बड़े क्षेत्र को चिन्हित किया गया है जिसमें 10 गांव शामिल किए गए हैं।इन ग्राम क्षेत्रों में निवेश को कैसे बढ़ाया जा सकता है ?इसकी योजना की तैयारी के लिए जिला कलेक्ट्रेट दुर्ग में आज बड़ी बैठक होने जा रही है।
पाटन को नए सिरे से संवारने की योजना संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश नवा रायपुर अटल नगर (छ.ग.) द्वारा तैयार की गई है। योजना को पाटन विकास योजना 2031 नाम दिया गया है। योजना के नाम से ही साफ जाहिर होता है कि इसमें वर्ष 2031 तक की प्लानिंग है। इसमें वर्ष 2021 तक किए जाने वाले कार्य और योजनाओं की रूपरेखा बनाई जानी है और इसकी बहुत कुछ योजना बनकर तैयार भी हो गई है। स्वाभाविक तौर पर इस योजना को पूरी गंभीरता से लिया गया है इसीलिए इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने समिति गठित की गई है जिसमें दुर्ग जिले के सांसद, विधायक (पाटन), नगर पंचायत अध्यक्ष (पाटन), जिला पंचायत अध्यक्ष (दुर्ग), जनपद पंचायत अध्यक्ष (पाटन), संबंधित ग्राम के सरपंच एवं अन्य तकनीकी अधिकारी सदस्य बनाए गए हैं। आज जो बैठक होने जा रही है उसमें समिति के समक्ष विकास योजना की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया जाएगा तथा योजना के विभिन्न पक्षों को पहलुओं को प्रस्तुत किया जाएगा। इसकी बैठक 19 जनवरी को दोपहर 12.00 बजे कलेक्ट्रेट दुर्ग के सभा कक्ष में शुरू होगी।
वैसे तो इस योजना के लिए पाटन निवेश क्षेत्र का गठन 13 मई 2005 को कर लिया गया था जिसमें पाटन नगर पंचायत क्षेत्र एवं उससे लगे 10 ग्राम क्रमशः खोरपा, अटारी, अखरा, दैवमोर, बठेना, सिकोला, सुपकान्हा, सोनपुर खम्हरिया एवं ग्राम पंदर शामिल है। जिसका कुल क्षेत्रफल 5177.48 हे. है। लेकिन अभी तक योजना पर काम करने की गति कहा जा सकता है कि काफी धीमी थी। और अब इसके कार्य की गति में काफी तेजी दिख सकती है। अब पाटन निवेश क्षेत्र चर्चाओ में है। आज बैठक में समिति के समक्ष निवेश क्षेत्र के वर्तमान एवं प्रस्तावित भूमि उपयोग वर्तमान एवं प्रस्तावित यातायात संरचना, भौतिक अधोसंरचना, प्रस्तावित अधोसंरचना तथा दर्शित उपयोग परिक्षेत्र में स्वीकृत एवं स्वीकार्य उपयोग की जानकारी एवं अन्य संबंधित जानकारियाँ को मानचित्र सहित प्रस्तुत किया जाएगा।