नई दिल्ली. जोश हेजलवुड की गेंद पर ऋषभ पंत का लॉन्ग ऑफ में वह ड्राइव... गेंद के बाउंड्री को छूते ही भारतीय खिलाड़ियों का मैदान में घुसक...
नई दिल्ली. जोश हेजलवुड की गेंद पर ऋषभ पंत का लॉन्ग ऑफ में वह ड्राइव... गेंद के बाउंड्री को छूते ही भारतीय खिलाड़ियों का मैदान में घुसकर जीत का जश्न मनाना.... और हिंदी कमेंट्री कर रहे विवेक राजदान के वो सुनहरे शब्द 'टूटा है गाबा का घमंड'... ये वो पल है जो 2 साल बाद आज भी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में ताजा हैं। 19 जनवरी यह वही तारीख है जब यंग इंडिया ब्रिगेड ने डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर पर लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज में मात दी थी। भारत के लिए यह सीरीज कई मायनों में खास थी, पहले टेस्ट में टीम इंडिया का 36 रन पर ऑलआउट हो जाना, पैटरनिटी लीव पर तत्कालीन कप्तान विराट कोहली का स्वदेश लौट पड़ा, बुमरहा, जडेजा और अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ी सीरिज के दौरान चोटिल हुए और ना जाने क्या कुछ हुआ... मगर फिर भी टीम इंडिया ने लड़ाई लड़ी और ऑस्ट्रेलिया में फिर तिरंगा लहराया।
सिडनी में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट खेला जा रहा था तब मेजबान टीम के कप्तान टिम पेन ने विकेट के पीछे अश्विन को गाबा की धमकी दी थी। दरअसल, इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया 32 साल से नहीं हारा था ऐसे में इस मैदान पर उनका यह घमंड तो बनता है। सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराकर जब दोनों टीमें गाबा पहुंची तो सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम आत्मविश्वास से भरी हुई थी, वहीं टीम इंडिया की चिंता प्लेइंग XI को लेकर थी। सिडनी में हनुमा विहारी और अश्विन के चोटिल होने के बाद भारत के सामने आखिरी 11 खिलाड़ियों को चुनने की चुनौती थी। ऐसे में अजिंक्य रहाणे को नेट बॉलर्स को भी मैदान पर उतारना पड़ा।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम ने मार्नस लाबुशेन के शतक के दम पर बोर्ड पर 369 रन लगाए। इस स्कोर के सामने भारत 336 रनों पर ही ढेर हो गया। वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर की अंत में अर्धशतकीय पारियों की मदद से टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के इस स्कोर के नजदीक पहुंचने में कामयाब रहा। 7वें विकेट के लिए दोनों के बीच 123 रनों की साझेदारी हुई थी।
33 रनों की बढ़त के साथ ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 294 रन बनाए और भारत के सामने 328 रनों का लक्ष्य रखा। दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज ने 5 तो शार्दुल ठाकुर ने 4 विकेट चटकाए। बारिश के चलते चौथे दिन का खेल जल्दी समाप्त हुआ भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 4 रन बनाए थे। पांचवे दिन भारत दोहरी सोच में था। टेस्ट क्रिकेट के आखिरी दिन 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं होता, मगर भारत के पास ऐसे खिलाड़ी थे जो ये कारनामा करने का दम रखते थे।
इस दोहरी सोच के साथ भारत ने अपनी रणनीति तैयार की। चेतेश्वर पुजारा को एक छोर संभालने की जिम्मेदारी मिली, वहीं दूसरे छोर पर खड़े खिलाड़ी को खुलकर खेलने की आजादी मिली। रोहित शर्मा का 18 रन पर दिन का पहला विकेट गिरने के बाद शुभमन गिल ने चेतेश्वर पुजारा के साथ पहले विकेट के लिए 114 रनों की साझेदारी की। गिल 91 के निजी स्कोर पर आउट हुए। इसके बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे भी जल्दी रन बनाने के चक्कर में आउट हो गए।
छोटे से अंतराल में दो विकेट गिरने के बाद भारत के सामने फिर वही दुविधा थी क्या इस टारगेट को चेज करने के लिए जाना चाहिए या नहीं। चेतेश्वर पुजारा का साथ देने इसके बाद ऋषभ पंत आए और पंत ने आते ही अपना रुख साफ कर दिया कि वह रुकने वाले नहीं है और लक्ष्य का पीछा करेंगे। 56 के निजी स्कोर पर पुजारा के आउट होने पर जरूर टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा था, मगर दूसरे छोर से पंत लगातार कंगारुओं की धुनाई कर रहे थे। पंत अंत तक नाबाद रहे और उन्होंने 89 रनों की पारी खेली, इसके अलावा वॉशिंगटन सुंदर ने शानदार 22 रन बनाकर मोमेंटम भारत की ओर शिफ्ट किया। भारत ने मात्र तीन विकेट से यह मैच जीतकर गाबा में ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ा।
ऋषभ पंत ने इस मैच में कुल 112 रन बनाए, वहीं गिल ने दोनों पारियों में मिलाकर 98 रन जोड़े। वॉशिंगटन सुंदर ने 84 रन बनाने के साथ 4 विकेट चटकाए, वहीं शार्दुल ठाकुर ने 7 विकेट के साथ 69 रन बनाए। सिराज को इस दौरान कुल 6 सफलताएं मिली और ये सभी खिलाड़ी ही गाबा में भारत की जीत के हीरो रहे।