रायपुर. भाजपा ने 90 विधानसभाओं में अपने बड़े नेताओं को झोंक कर हर विधानसभा की पूरी जानकारी एकत्रित की है। अब प्रदेश संगठन राष्ट्रीय संगठ...
रायपुर. भाजपा ने 90 विधानसभाओं में अपने बड़े नेताओं को झोंक कर हर
विधानसभा की पूरी जानकारी एकत्रित की है। अब प्रदेश संगठन राष्ट्रीय संगठन
को यह जानकारी देगा कि किस विधानसभा में भाजपा कमजाेर है। सत्ता में वापसी
के लिए विधानसभाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन
सिंह सहित सभी दिग्गज नेताओं की टीमें बनाकर विधानसभाओं का दौरा करवाया है।
ये नेता हर विधानसभा में जहां अपने कार्यकर्ताओं से मिले, वहीं सभा भी
लेकर जनता का रुख जाना और आने वाले विधानसभा में भाजपा की क्या स्थिति रहने
वाली है, इसका भी आकलन किया है। अब इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रीय
संगठन को दी जाएगी। वहां से जैसे निर्देश मिलेंगे, उसके मुताबिक काम किया
जाएगा।प्रदेश भाजपा संगठन ने हर विधानसभा के हर बूथ की भी पूरी जानकारी
जुटाई है, ताकि जो बूथ कमजोर हैं, उन पर अभी से मेहनत करके उसको मजबूत किया
जा सके। भाजपा हर हाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत
प्राप्त करके वापस सत्ता में आना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने अभी से
रणनीति बना ली और इस पर काम प्रारंभ हो गया है। 90 विधानसभाओं में भाजपा की
क्या स्थिति है इसका आकलन करने के लिए भाजपा ने अपने बड़े नेताओं को
लगाया। इन नेताओं ने हर विधानसभा में जाकर वहां पर जनता को टटोलने का काम
किया है। इसके लिए विधानसभा के दौरे में एक जनसभा का भी आयोजन किया गया।
इसी के साथ अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करके यह जानने का प्रयास किया
है कि कौन सा बूथ सबसे कम कमजोर हैं। अब कमजोर बूथों की एक सूची बनाई गई
है। इन पर पूरा फोकस करके इनको मजबूत किया जाएगा।
हर मतदाता के घर तक जाएंगे
बूथों
को मजबूत करने के लिए ही भाजपा ने राष्ट्रीय संगठन के निर्देश पर हर
मतदाता के घर तक जाने का फैसला किया है। हर मतदाता से वन टू वन बात करके
उनको केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। इसी के साथ प्रदेश
में जब भाजपा की सरकार थी, उसने 15 साल में क्या काम किए हैं, इसकी भी
जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जो वादे किए थे,
उनकी वादाखिलाफी को भी गिनाया जाएगा। ऐसा करके भाजपा अपना पक्ष हर बूथ में
मजबूत करना चाहती है। भाजपा के जानकारों का कहना है, विधानसभाओं की
रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन को भेजने के बाद वहां से भी कमजोर विधानसभाओं के
लिए रणनीति बनेगी और राष्ट्रीय नेताओं का दौरा ऐसी विधानसभाओं में होगा।