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वर्ष 2023 का पहला नेशनल लोक अदालत 11 फरवरी को, जिले में कुल 35 खंडपीठ बनाए गए

  दुर्ग । असल बात न्यूज़।।  देशभर में आयोजित हो रहे नेशनल लोक अदालत के आयोजन की दुर्ग जिले में भी तैयारियां की जा रही हैं। जिले में तालुका स...

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 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

देशभर में आयोजित हो रहे नेशनल लोक अदालत के आयोजन की दुर्ग जिले में भी तैयारियां की जा रही हैं। जिले में तालुका स्तर से लेकर जिला स्तर तक इसका आयोजन किया जा रहा है जिसमें  पक्षकारों की आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण किया जा सकेगा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार इसका आयोजन किया जा रहा है।

                  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार  नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में  न्यायमूर्ति श्री अरूप कुमार गोस्वामी मुख्य न्यायाधीश, छग0 उच्च न्यायालय बिलासपुर एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 11.02.2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में जिला, तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यम से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जा सकेंगे।

                   जिला न्यायालय, दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ  जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग संजय कुमार जायसवाल के द्वारा प्रातः 10ः30 बजे मां सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर किया जावेगा।

                   नेशनल लोक अदालत में कुल 35 खंडपीठ बनाए गये है। जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 26 खंडपीठ, परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खंडपीठ, श्रम न्यायालय दुर्ग हेतु 01, किशोर न्याय बोर्ड दुर्ग हेतु 01, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा दुर्ग हेतु 01, तहसील न्यायालय भिलाई-03 हेतु 02 खंडपीठ तथा तहसील न्यायालय पाटन हेतु 01 खंडपीठ का गठन किया गया है। न्यायालय में लंबित प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरण चिन्हांकित किये गये हैं इसके अतिरिक्त राजस्व मामलों के लिए राजस्व न्यायालयों में प्रकरण चिन्हांकित कर निराकृत किये जावेंगे।

                नेशनल लोक अदालत हेतु चिन्हांकित मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, दाण्डिक प्रकरणों में न्यायालय के द्वारा पक्षकारों से प्री-सीटिंग की गई है। प्री-सीटिंग कर नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरण निराकृत किये जाने का प्रयास किया गया है।