दुर्ग । असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता न्यायालय ने अवयस्क बालिका से अप्राकृतिक कृत्य करने का दोषी पाए जाने पर अभियुक्त को आजी...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
न्यायालय ने अवयस्क बालिका से अप्राकृतिक कृत्य करने का दोषी पाए जाने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी की उम्र सिर्फ 21 साल है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आरोपी को दंड देने में उदारता बरतने उचित नहीं माना। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष न्यायालय श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई है। न्यायालय ने पीड़िता को पुनर्वास हेतु पीड़ित प्रतिकर योजना 2011 के तहत क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा भी की है।
उक्त घटना आरक्षी केंद्र दुर्ग के अंतर्गत आने वाले एक ग्राम की 25 अगस्त 2021 की है। विचारणा न्यायालय ने प्रकरण में लगभग 1 साल 6 महीने के भीतर फैसला दे दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि पीड़िता दोपहर में लगभग 2:00 बजे पड़ोस में खेलने गई थी तब आरोपी ने उसे अपने घर में ले जाकर अप्राकृतिक कृत्य किया। पीड़िता की मां अपने पति और सरपंच के साथ थाने जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई।
प्रकरण में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बचाव में तर्क देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष साक्षीयों के साथ में अपने पुलिस बचाव के संबंध में परिवर्तन एवं लोप किया है। पीड़िता का साक्ष्य विरोधाभास से परिपूर्ण है। सभी साक्षी, पीड़िता के हित पक्ष साक्षी हैं ।इस तरह से अभियोजन अपने मामले को संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा है।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने आरोपित अपराध के कृत्य को प्रमाणित किया। न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष आपराधिक मानसिक स्थिति ना होने का तथ्य प्रमाणित नहीं कर सका। न्यायालय ने आरोपी को 12 वर्ष से कम आयु की पीड़िता पर लैंगिक हमला कारित करने के अपराध का दोषी पाया।
न्यायालय ने आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5( ड) के अपराध का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा ₹500 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियुक्त को अर्थदंड न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।