भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के 5 सहकारी बैंकों पर आरबीआई के नियमों के विपरीत काम करने और ग्राहकों को कर्ज देने सहित अन्य नियमों का उल्लं...
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के 5 सहकारी बैंकों पर आरबीआई के नियमों के विपरीत काम करने और ग्राहकों को कर्ज देने सहित अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन बैंकों को उधार देने, निवेश करने या तरलता प्राप्त करने से रोक दिया गया है. वहीं, आरबीआई ने इन बैंकों के ग्राहकों के लिए पैसे निकालने को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की है.
कर्जदाताओं की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को पांच सहकारी बैंकों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि यह प्रतिबंध छह महीने तक लागू रहेगा. ये बैंक आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी को उधार नहीं दे सकते हैं, कोई निवेश नहीं कर सकते हैं, कोई दायित्व नहीं उठा सकते हैं और अपनी किसी भी संपत्ति का हस्तांतरण या निपटान नहीं कर सकते हैं.
आरबीआई ने कहा कि एचसीबीएल सहकारी बैंक लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), और कर्नाटक में शिमशा सहकारी बैंक नियमिथा के ग्राहक मौजूदा तरलता की स्थिति के कारण अपने खातों से धन नहीं निकाल सकते हैं. वहीं, आरबीआई ने उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक, (अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक (महाराष्ट्र) के ग्राहकों को 5,000 रुपये तक निकालने की अनुमति दी है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि सभी पांच सहकारी बैंकों के पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे.
आरबीआई से प्रतिबंधित बैंकों की सूची
- एचसीबीएल सहकारी बैंक लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
- आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
- शिमशा सहकारा बैंक नियमिथा (कर्नाटक)
- उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक (आंध्र प्रदेश)
- शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक (महाराष्ट्र)