नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।। देश में अब कुल 8लाख 65 हजार 646 वक्फ अचल संपत्तियां हो गई है। वक्फ अधिनियम 1995 में 2013 के संशोधन की धारा 4...
नई दिल्ली।
देश में अब कुल 8लाख 65 हजार 646 वक्फ अचल संपत्तियां हो गई है।वक्फ अधिनियम 1995 में 2013 के संशोधन की धारा 40 के अनुसार राज्य वक्फ बोर्ड को कोई विशेष संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं के जैसे प्रश्न पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती ने दी। स्मृति जुबिन ईरानी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
केंद्रीय मंत्री ने इस सवाल पर अपने लिखित उत्तर में बताया है कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी) के माध्यम से कौमी वक्फ बोर्ड तारककिआती योजना (क्यूडब्ल्यूबीटीएस) नाम की योजना को लागू करता है। यह बोर्ड अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है। इस योजना के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। यह ऑनलाइन पोर्टल कम्प्यूटरीकरण, वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और अतिक्रमण को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग के लिए वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएएमएसआई) है। WAMSI पर वक्फ संपत्ति का विवरण संबंधित राज्य वक्फ बोर्डों (एसडब्ल्यूबी) द्वारा दर्ज किया गया है। दिसंबर, 2022 तक कुल 8,65,646 वक्फ अचल संपत्तियों और 3,53,850 वक्फ संपत्तियों को जीआईएस मैपिंग को डब्ल्यूएएमएसआई पोर्टल पर दर्ज किया गया है।
उत्तर में आगे बताया गया है कि वक्फ अधिनियम 1995 में 2013 के संशोधन की धारा 40 के अनुसार राज्य वक्फ बोर्ड को कोई विशेष संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं के जैसे प्रश्न पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। जो इस बात से उत्पन्न होता है कि कोई विशेष संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं या वक्फ सुन्नी वक्फ है या शिया। उक्त प्रावधान के तहत एक प्रश्न पर बोर्ड का निर्णय, जब तक कि न्यायाधिकरण द्वारा निरस्त या संशोधित नहीं किया जाता, अंतिम होता है।