उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी रेल मण्डल के छारा-बलिया सेक्शन में रेलवे लाइन दोहरीकरण से कुछ गाड़ियों का परिचालन प्रभावित रायपुर । असल बात...
उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी रेल मण्डल के छारा-बलिया सेक्शन में रेलवे लाइन दोहरीकरण से कुछ गाड़ियों का परिचालन प्रभावित
रायपुर ।
असल बात न्यूज़।।
उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी रेल मण्डल के छारा-बलिया सेक्शन में दोहरीकरण रेलवे लाइन का कार्य किया जा रह है, । यह कार्य दिनांक 25 से 28 फरवरी तक किया जा रहा है। इस कार्य के फलस्वरुप दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली कुछ गाड़ियों का परिचालन प्रभावित रहेगा है, जिसकी जानकारी इस प्रकार है :-
परिवर्तन मार्ग से रवाना होने वाली गाडियां
1. दिनांक 26, 27 एवं 28 फरवरी, 2023 को बरौनी से चलने वाली 15231 बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस परिवर्तन मार्ग छपरा -भटनी जंक्शन-औंड़िहार जंक्शन होकर चलेगी ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 19 ट्रेनों में नई तकनीक वाले एलएचबी कोच
रेल यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा एवं संरक्षित रेल परिचालन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है । रेल यात्रियों को सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे पुराने आईसीएफ़ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच को हटाकर नई तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाये जा रहे हैं । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 19 ट्रेनों को नई तकनीक वाले एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 19 ट्रेनों के 21 रैक के कुल 624 एलएचबी कोच है।एलएचबी कोचों में अधिक बर्थ होने से रेल यात्रियों को अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा मिल रही है ।
एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किये गये जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के नाम पर पड़ा है । एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किए गये । वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में किया जा रहा है । एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है । रेल परिचालन की दृष्टि एलएचबी कोच काफी सुरक्षित है । आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है, एवं अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है । इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है । एक सामान्य आईसीएफ़ स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 80 बर्थ होती है । इसी प्रकार आईसीएफ़ एसी-3 कोच में 64 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है तथा आईसीएफ़ एसी-2 कोच में 46 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 62 बर्थ होती है, जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है । एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है । वही दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की (1) बिलासपुर-भगत की कोठी (2) बिलासपुर-बीकानेर (3) बिलासपुर-पटना (4) बिलासपुर-एर्णाकुलम (5) बिलासपुर-चेन्नई (6) बिलासपुर-पुणे (7) रायपुर-कोरबा (8) बिलासपुर-अमृतसर, छत्तीसगढ़ एक्स (9) दुर्ग-निजामुद्दीन, संपर्कक्रांति (10) दुर्ग-जम्मूतवी (11) दुर्ग-नौतनवा (12) दुर्ग-कानपुर (13) दुर्ग-अजमेर (14) दुर्ग-ऊधमपुर (15) दुर्ग-निज़ामुद्दीन, हमसफर (16) दुर्ग-भोपाल, अमरकंटक एक्स (17) दुर्ग-फिरोजपुर, अंत्योदय एक्स (18) दुर्ग-नौतनवा तथा (19) दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ।
अधिकाधिक आरक्षित बर्थ/ सीट की उपलब्धता हेतु अतिरिक्त कोच एवं भीड़भाड़ के समय विशेष रूटों पर स्पेशल ट्रेनों की सुविधा
भारतीय रेलवे द्वारा रेल यात्रियों को आरक्षित बर्थ/ सीट के साथ आरामदायक यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगातार कार्य किए जाते है । इसके लिए त्यौहारों, छुट्टियों एवं अन्य अवसरों जिसके दौरान ट्रेनों में ज्यादा भीड़भाड़ रहती है, ऐसे समय पर ट्रेनों में अतिरिक्त कोचों की सुविधा आदि उपलब्ध कराई जाती है साथ ही साथ अत्यधिक भीड़भाड़ वाले विशेष रूटों पर स्पेशल ट्रेनों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है ।
इसी कड़ी में इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल’ 2022 से जनवरी, 2023 तक अलग-अलग स्कूलों में शुरू होने वाली ग्रीष्मकालीन छुट्टियों, जिसमें लोग देश के अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर सैर-सपाटे के लिए जाते है तथा शादी ब्याह के सीजन, के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा कुल 4247 अतिरिक्त कोच अप्रैल, 22 महीने से जनवरी, 23 महीने तक स्लीपर के लिए 3540 कोच, एसी थ्री के लिए 522 कोच, एसी टू के लिए 99 कोच एवं एसी प्रथम के लिए 86 कोच अलग-अलग ट्रेनों में लगाए गये है ।
इन सभी कोचों से लगभग 02 लाख 74 हजार 224 रेल यात्रियों को स्लीपर कोच में 249580 रेल यात्रियो, एसी थ्री कोच में 21910 रेल यात्रियो, एसी टू में कोच 2214 रेल यात्रियो एवं एसी प्रथम कोच में 520 रेल यात्रियो ने अतिरिक्त कोचों की सुविधा का लाभ मिला है । इसके साथ ही साथ ज्यादा भीड़-भाड़ वाले रूटो में अनेक स्पेशल ट्रेन चलाए गयी है । इन स्पेशल ट्रेनों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायगढ़-बिलासपुर-रायपुर-दुर्ग-गोंदिया-नागपुर रेल रूट के साथ ही साथ बिलासपुर-पेंड्रारोड-अनुपपुर-शहडोल-कटनी रूट के रेल यात्रियों को सुविधा मिल है ।
अप्रैल’ 2022 से जनवरी, 2023 तक महीनों वार जानकारी इस प्रकार है :-👇