रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले प्रदेश संगठन में आंतरिक अंतर्कलह देखी जा रही है। प्रदेश प्रभारी संगठन महामंत्री अमरजीत ...
रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले प्रदेश संगठन में आंतरिक अंतर्कलह देखी जा रही है। प्रदेश प्रभारी संगठन महामंत्री अमरजीत चावला ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को पत्र लिखकर पार्टी से मिले नोटिस का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में मिली जिम्मेदारियों से मुक्त करने की मांग की है।
जानिए अमरजीत चावला ने पत्र में क्या लिखा
अमरजीत चावला ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को लिखे पत्र में कहा, बहुत सौभाग्य की बात है कि हमारे प्रदेश में पार्टी का पूर्णकालिक अधिवेशन होने जा रहा है, जिसमें पार्टी की कपा से मुझे भी बहुत-सी जिम्मेदारियां दी गई हैं।
चूंकि में विगत 30 वर्षों से पार्टी का समर्पित सिपाही हूं, पर ना जाने किस गलतानहमी से मेरे खिलाफ अनुशासन समिति में शिकायत हुई, जिसकी वजह से मुझे नोटिस जारी की गई है। जिसका मुझे बेहद दुख एवं अफसोस है।
चूंकि अधिवेशन गर्व का विषय है। अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि चूंकि मुझे नोटिस मिला है, इसलिए मेरा कार्यभार लेना मुझे उचित प्रतीत नहीं होता। अत: अधिवेशन तक मुझे समिति के कार्यों से विमुक्त रखें। अन्य जो भी पार्टी संगठन कार्यों के लिए मुझे जो आदेश होगा उसे मैं पार्टी हित में पूरी ईमानदारी से करता रहूंगा।
इस वजह से कांग्रेस ने अमरजीत चावला को भेजा था नोटिस
बतादें कि कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संगठन अमरजीत चावला को केंद्रीय संगठन ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कांग्रेस के केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव तारिक अनवर ने चावला को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी का जायजा लेने रायपुर आए राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल और केंद्रीय अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोनों नेताओं की शिकायत की थी।
अमरजीत चावला पर आरोप है कि वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठकर राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी करते हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरोध में अभियान संचालित करते हैं। चावला पर आरक्षण विधेयक के विरोध में टिप्पणी करने का भी आरोप है।