Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Friday, March 14

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :
latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वरुपानंद महाविद्यालय में विज्ञान संकाय द्वारा विद्यार्थियों को तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण

  भिलाई । असल बात न्यूज़।।  स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय के माईक्रोबायोलॉजी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को श...

Also Read

 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।। 

स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय के माईक्रोबायोलॉजी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण हेतु तायवड़े कॉलेज महादुला, कोराड़ी नागपुर ले जाया गया। 

इसमें प्रथम दिवस विद्यार्थियों ने महाविद्यालय में हो रहे तीन दिवसीय कांफ्रेंस में हिस्सा लिया तथा महाविद्यालय के सभी विभागों का भ्रमण कर नये उपकरणों जैसे पीसीआर, सोनीकेटर के बारे में जानकारी प्राप्त की व बोटेनिकल उद्यान तथा जीवों के स्पोसीमन देखे। द्वितीय दिवस विद्यार्थियों ने सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज, नागपुर का भ्रमण कर वहॉं के माईक्रोबायोलॉजी, बॉयोइनफॉरमेटिक्स, एनीमल क्लचर लैब तथा उपकरणों जैसे एनजीएस, कम्प्यूटरकृत उपकरणों से अवगत हुए। तत्पश्चात् तृतीय दिवस नागपुर स्थित नेशनल एन्वायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट का भ्रमण कर अपषिष्टों के प्रबंधन, पर्यावरणीय टिकाऊ तकनीकों तथा पर्यावरण को स्वच्छ रखने के प्रयासों को जाना। उसके बाद छात्रों ने कमला नेहरु महाविद्यालय के सभी विभागों का भ्रमण कर वहॉं के शोध कार्यों के बारे में जाना तथा पादप ऊतक संवर्धन की तकनीकों व उपयोग के बारे में सीखा।

सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए बेग ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण द्वारा विद्यार्थी प्रायोगिक, सैद्धांतिक एवं प्रत्यक्ष रुप से अपने पाठ्यक्रमों से अवगत होते है। 

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा इस प्रकार की गतिविधि से विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान मिलता है।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है इससे विद्यार्थियों द्वारा देखकर अनुभव कर व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करते है। 

शैक्षणिक भ्रमण को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक अमित कुमार साहू सूक्ष्मजीव विज्ञान, सहायक प्राध्यापक योगिता लोखण्डे सूक्ष्मजीव विज्ञान एवं सहायक प्राध्यापक अपूर्वा शर्मा बायोटेक्नोलॉजी ने विषेष योगदान दिया।