रायपुर . प्रदेश में लगातार प्रयास के बाद लाइन लॉस कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कई जिलों में ताे लाइन लाॅस 50 फीसदी से भी ज्यादा हाे ...
रायपुर . प्रदेश में लगातार प्रयास के बाद लाइन लॉस कम होने का नाम नहीं
ले रहा है। कई जिलों में ताे लाइन लाॅस 50 फीसदी से भी ज्यादा हाे गया है।
ऐसे में लाइन लाॅस से छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी को हर साल करीब दो हजार
करोड़ का फटका लगता है। यह फटका बिजली चोरी से ज्यादा लगता है। लाइन लॉस को
कम करने की कवायद में पॉवर कंपनी ने तीन हजार करोड़ की योजना बनाई है। इस
योजना को केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई है और इसका 31 जिलों के लिए
टेंडर भी हो गया है। इसमें सबसे ज्यादा चार सौ करोड़ कवर्धा जिले में खर्च
होंगे। सबसे कम खर्च नारायणपुर में 2.64 करोड़ होंगे।
देश भर में लाइन
लॉस कम करने की कवायद में केंद्र सरकार जुटी है। ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य
पॉवर कंपनी की तीन हजार करोड़ की योजना को भी मंजूरी मिली है। इस योजना में
केंद्र सरकार से 60 फीसदी पैसे मिलेंगे। 40 फीसदी खर्च पॉवर कंपनी करेगी।
याेजना में लाइन लॉस कम करने के लिए जहां बिजली की लाइनों को छोटा किया
जाएगा, वहीं ट्रांसफार्मरों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। इसी के साथ
खुले तारों के स्थान पर केबल लगाने का काम होगा, ताकि तारों में होने वाली
हुकिंग काे रोका जा सके। हुकिंग करके ही प्रदेश के कई जिलों में बिजली चोरी
की जाती है।
कवर्धा के लिए चार साै कराेड़
तीन
हजार करोड़ की योजना को पॉवर कंपनी ने 31 जिलों में वहां की जरूरत की
हिसाब से बांटकर टेंडर किया है। इसमें सबसे ज्यादा कवर्धा जिले के लिए
397.03 करोड़ का टेंडर किया गया है। कवर्धा में बिजली चोरी के कारण लाइन
लॉस ज्यादा होता है। जानकारों की मानें तो यहां पर आधी बिजली चोरी हो जाती
है। कवर्धा के बाद सरगुजा में 255.39 करोड़ का टेंडर किया गया है। यहां भी
करीब 50 फीसदी बिजली चोरी होती है। सूरजपुर के लिए 194.39 करोड़, बलरामपुर
के लिए 132.94 करोड़, रायगढ़ के लिए 100.38 करोड़, कोरबा के लिए 111.30
करोड़, राजनांदगांव के लिए 182.74 करोड़, कांकेर के लिए 147.05 करोड़,
महासमुंद के लिए 119.33 करोड़ और रायपुर नारायणपुर को मिले 2.64 करोड़
जिन
जिलों में ज्यादा लाइन लास नहीं है वहां के लिए सौ करोड़ से भी कम का
टेंडर किया गया है। ऐसे जिलों में सबसे कम का टेंडर 2.64 करोड़ नारायणपुर,
3.31 करोड़ बीजापुर, 6.94 करोड़ सुकमा, 11.19 करोड़ बालोद, 24.02 करोड़
गौरेला पेंड्रा, 39.78 करोड़ बस्तर, 71.00 करोड़ खैरागढ़, 58.63 करोड़
दुर्ग, 41.15 करोड़ बेमेतरा, 81.11 करोड़ गरियाबंद, 60.32 करोड़ धमतरी,
92.16 करोड़ बलौदाबाजार, 36.13 करोड़ जशपुर, 54.48 करोड़ कोरिया, 58.43
करोड़ जांजगीर चांपा 56.64 करोड़ शक्ति, 33.44 करोड़ मुंगेली, और 94.49
करोड़ का सारगढ़-बिलाईगढ़ का टेंडर किया गया है।