रायपुर. देश और अपने राज्य में ज्यादातर सेक्टरों में घरेलू सामानों को लेकर नकली महंगाई का बड़ा दौर चल रहा है। उत्पादक और कारोबारी पूरा सि...
रायपुर. देश और अपने राज्य में ज्यादातर सेक्टरों में घरेलू सामानों को लेकर नकली महंगाई का बड़ा दौर चल रहा है। उत्पादक और कारोबारी पूरा सिंडीकेट बनाकर दाम तय करके उपभोक्ताओं के लूटने में लगे हैं। इसी कड़ी में अब दूध की बारी आई है। दूध में भी अपने राज्य के साथ देश भर में नकली महंगाई का उबाल आया हुआ है। सिंडीकेट बनाकर दूध बेचने वाली कंपनियां लगातार दाम बढ़ा रही है। पिछले साल मार्च से लेकर नए साल के पहले माह तक चार बार में 8 रुपए दाम बढ़ा दिए गए हैं। दाम बढ़ाने के पीछे कोई कारण नहीं है, बस मनमर्जी चल रही है।
छत्तीसगढ़ में देवभोग दुग्ध महासंघ किसानों से 31 रुपए लीटर में अब तक दूध ले रहा था, लगातार किसानों के दबाव के बाद अब जाकर जनवरी में दो रुपए कीमत बढ़ाई गई है। अब 33 रुपए में दूध लिया जा रहा है। यहां के किसानों से इसी कीमत पर वचन और गाया भी दूध ले रहे हैं। किसान अमूल को दो सीधे दूध नहीं बेच रहे हैं, लेकिन देवभोग से अमूल को पिछले दरवाजे से जरूर दूध बेचने की बात की जाती है।
मदर डेयरी ने एक माह पहले ही बढ़ाए दाम
मदर डेयरी
ने दूध के दाम एक लीटर में दो रुपए पिछले माह ही बढ़ा दिए थे। अब अमूल ने
भी दो रुपए दाम बढ़ाए हैं। वचन के दाम अभी नहीं बढ़े हैं, लेकिन कुछ दिनों
में जरूर इसकी कीमत भी बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ के सरकारी ब्रांड देवभोग दूध के
भी दाम 6 फरवरी से बढ़ जाएंगे। दूध के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है।
पहले एक कंपनी दाम बढ़ाती है फिर इसके बाद बाकी कंपनियां भी दाम बढ़ाते चली
जाती है। मार्च से अब तक दस माह में चार बार करके 8 रुपए दाम बढ़ाए गए
हैं।
किसानों के दाम कम बढ़ाए
प्रदेश में देवभोग दुग्ध संघ प्रदेश के किसानों से 33 रुपए लीटर में दूध
लेकर 54 रुपए लीटर में बेच रहा है। इस माह से पहले तक किसानों को 31 रुपए
ही मिल रहे थे। दूध बेचने वाले किसानों की मानें तो पिछले साल किसानों का
दूध साल के प्रारंभ में 28 रुपए लीटर ही लिया जा रहा था। दूध के दाम बढ़ने
पर किसानों की लगातार मांग के बाद दो बार में पौने दो रुपए और इसके बाद सवा
रुपए दाम बढ़ाए। किसानों से जब दूध देना कम किया तो इस साल जनवरी में दो
रुपए दाम बढ़ाकर 33 रुपए किए गए हैं। ये दाम किसानों को अब भी कम लग रहे
हैं।देवभोग को अब आधा दूध
चार साल पहले 2018-19 में देवभोग को किसान एक
लाख लीटर दूध से ज्यादा देते थे, लेकिन जहां किसानों को दूध की कीमत सही
नहीं मिलती थी, वहां पैसे भी डेढ़ माह से पहले नहीं मिलते हैं। ऐसे में
किसानों ने हाथ खड़े कर दिए और देवभोग को दूध देना कम कर दिया। इस समय
किसान देवभोग को 50 से 55 हजार लीटर दूध दे रहे हैं। बाकी दूध किसान सीधे
दूसरे कंपनियों को बेच रहे हैं। वचन को रोज 35 से 40 हजार लीटर दूध सीधे
बेचा जा रहा है। इसकी कीमत 33 रुपए मिल रही है, लेकिन यह कीमत तत्काल मिल
जाती है। इसी के साथ गाया तो रोज दस हजार लीटर दूध किसान दे रहे हैं।
फैट कम तो कीमत 15 से 16 रुपए
किसानों का दूध लेते समय देवभोग दूध की जांच करता है। अगर फैट कम पाया जाता है तो कीमत सीधे आधी कर दी जाती है। ऐसा दूध 15 से 16 रुपए में लिया जाता है। जानकारों का कहना है, किसानों के दूध में फैट कम होने की बात कहते हुए भी देवभोग के अधिकारी कम कीमत पर दूध ले लेते हैं और ये दूध दूसरी कंपनियों को बेच दिया जाता है।
छत्तीसगढ़ में रोज की खपतअमूल 70 से 75 हजार लीटर
देवभोग 35 से 40 हजार लीटर
वचन 40 से 45 हजार लीटर
गाया 10 हजार लीटर
मदर डेयरी 10 से 15 हजार लीटर
2-2 रुपए दाम बढ़े तो कीमत
मार्च में 48 रुपए लीटर
अगस्त में 50 रुपए लीटर
अक्टूबर में 52 रुपए लीटर
जनवरी में 54 रुपए लीटर