रायपुर। असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता न्यायालय ने यहां कूटरचना व फर्जी दस्तावेजों के निष्पादन के मामले में तीन आरोपियों को तीन...
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
न्यायालय ने यहां कूटरचना व फर्जी दस्तावेजों के निष्पादन के मामले में तीन आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।ये सभी आरोपी अभी जमानत पर थे। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपियों को परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं माना।
अभियोजन के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि प्रार्थीया के दादा स्व मोहम्मद याकूब के नाम पर ग्राम मोवा के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 26 एकड़ कृषि भूमि स्थित थी। उनकी मृत्यु के पश्चात उक्त भूमि उसके पिता व अन्य व उनके सभी भाई बहनों के नाम पर राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज हो गया। प्रार्थीया के पिता मोहम्मद इदरीश के वृद्ध होने का लाभ उठाते हुए उनके खाते की जमीन रकबा 1.057 हेक्टेयर को हेराफेरी कर मोहम्मद इदरीश ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसको विंध्यवासिनी डेवलपर्स के भागीदार के नाम से करा लिया। उक्त फर्जी ऋण पुस्तिका के संबंध में श्रीमती बुसरा रजा के द्वारा दिनांक 8 जुलाई 2016 को तहसीलदार रायपुर के न्यायालय में शिकायत की गई। आरोपी गण के द्वारा कूट रचित वसीयतनामा दिनांक 24 नवंबर 2017 को निष्पादित कराया गया। उक्त घटना की रिपोर्ट प्रार्थीया के द्वारा लिखित में की गई जिसके आधार पर प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई।
न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर यह प्रमाणित पाया कि आरोपी के द्वारा अपने पक्ष में वसीयतनामा मुख्तयारनामा का निष्पादन किया गया है। इसके बारे में उसे भलीभांति ज्ञान था कि मोहम्मद इदरीश का सिविल लाइन स्थित मकान उसकी पैतृक संपत्ति है, इसका बंटवारा नहीं हुआ है। फिर भी उसे अपने नाम से क्रय किया गया है। इस प्रकार आरोपीगणों के द्वारा कारित कृत्य स्वयं को सदोष अभिलाभ कारीत करने के आशय से किया गया है।
न्यायालय ने मामले में तीन आरोपियों आफताब सिद्धकी उम्र 42 वर्ष गोल बाजार रायपुर, आरिफ अहमद कुरेशी उम्र 40 वर्ष मुरारी चौक राजातालाब, और अब्दुल गनी उम्र 45 वर्ष नयापारा फूल चौक गोल बाजार को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 तथा सहपठित धारा 34 के अंतर्गत 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई है।