दुर्ग। असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता आरोपी की उम्र लगभग 30 साल है। उसने,अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रही अवयस्क बालिका को घर में काम ...
यह प्रकरण दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र के अंतर्गत 24 अगस्त 2020 की है जिसमें दूसरे दिन आरक्षी केंद्र नेवई में एफ आई आर दर्ज कराई गई। मामले में लगभग 2 साल 8 महीने के भीतर न्यायलय का फैसला आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को गिरफ्तारी के बाद से आज तक जमानत नहीं दिया गया था।अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि प्रार्थी पीड़िता के द्वारा स्वयं रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि वह घटना के दिन सुबह 6:00 बजे अपने घर के बाहर रोड आंगन में झाड़ू लगा रही थी कि पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने उसे घर में काम है कहकर बुलाया और बाह पकड़ कर खींच कर जबरदस्ती दुष्कर्म किया तथा घटना के बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उस समय उसके पिताजी अपने काम पर चले गए थे और मां घर के अंदर काम कर रही थी। अभियुक्त के नाम का हम यहां उल्लेख नहीं कर रहे हैं ताकि पीड़िता की पहचान उजागर ना हो सके।
प्रकरण में विचारण एवम सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध आरोप को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित पाया कि अभियुक्त के द्वारा अवयस्क अभियोक्तरी को घर में काम है कहकर इशारे से बुलाया एवं उसका बांह पकड़कर खींचते हुए अपने घर के अंदर ले गया और घर का दरवाजा बंद कर उसका सदोष परिरोध किया एवं कृकृत्य किया।उसके साथ बलातसंग एवं गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया गया।
न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से यह तर्क लिया गया कि प्रकरण की सबसे महत्वपूर्ण साक्षी और अन्य साक्षीयों का बयान विरोधाभास से परिपूर्ण है अभियोजन अपने मामले को संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा है।
न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के तहत 6 माह, और धारा 506 बी के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹2हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।