आजकल बहुत से लोग फैटी लीवर की वजह से परेशान है। जरुरत से ज्यादा खाना, जंक फूड, मीठा और तला-भुना खाने लीवर के आसपास फैट जमा होने लगता है। ...
आजकल बहुत से लोग फैटी लीवर की वजह से परेशान है। जरुरत से ज्यादा खाना, जंक फूड, मीठा और तला-भुना खाने लीवर के आसपास फैट जमा होने लगता है। इस कंडीशन को नॉन एल्कोहलिक फैटी एसिड कहते हैं। लीवर के फैटी हो जाने की वजह से पूरी हेल्थ पर असर पड़ता है। भले ही लीवर का फैटी होना डायरेक्ट नुकसान ना करे लेकिन लंबे समय में इससे तमाम तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। जिन लोगों में टाइप टू डायबिटीज हैं वो फैटी लीवर के शिकार होने के खतरे पर रहते हैं। ऐसे में सही खानपान और एक्सरसाइज की मदद से फैटी लीवर को सुधारा जा सकता है। इस बारे में हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि इन दो चीजों को शामिल करने से लीवर का फैट कम होता है।
क्या कहती है रिसर्च
सेल मेटाबॉलिज्म में छपी स्टडी के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग और एरोबिक
एक्सरसाइज को करने से लीवर में जमा फैट कम किया जा सकता है।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने और फास्ट करने का रूटीन साइकल है। जिसमे खाने के
घंटे और फास्ट करने के घंटे तय रहते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले
जरूरी है अपने गोल्स फिक्स करना। जैसे की वजन कम करना या फिर किसी बीमारी
फैटी लीवर को कम करने के लिए फास्ट करना चाह रहे हैं।
फिक्स रहते हैं दिन और घंटे
इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने के लिए दिन और घंटे फिक्स रहते हैं। जिससे
वजन या फैट को कम करने में मदद मिलती है। 5:2 या 14:10 को लोग फॉलो करते
हैं।
क्या है 14:10 मेथड
इसमे दिन के 14 घंटे खाने होते हैं। जबकि बाकि के 10 घंटे कुछ नहीं खाना
होता है। इस तरह की फास्टिंग फैटी लीवर को घटाने में मदद करती है।
एरोबिक एक्सरसाइज
एरोबिक एक्सरसाइज पूरे बॉडी की एक्टीविटी पर ध्यान देती है। ऐसे में इसे
करने से हार्ट ठीक से काम करता है। इस एक्सरसाइज को करने से पैर, हाथ,
हिप्स, थाईज पूरी बॉडी की मूवमेंट होती है। ऐसे में जिम जाकर एक्सरसाइज
करने से ज्यादा ये इफेक्टिव है। रिसर्चर का कहना है कि फैटी लीवर को कम
करने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज ज्यादा तेजी से असर दिखाती है और कुछ महीनों
में ही फर्क दिखने लगता है।