रायपुर। असल बात न्यूज़।। नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर में आंदोलनरत कर्मचारियों को राज्य के सालाना बजट में से निराशा हुई है लेकिन...
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असल बात न्यूज़।।
नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर में आंदोलनरत कर्मचारियों को राज्य के सालाना बजट में से निराशा हुई है लेकिन अभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जो बयान आया है उससे उन्हें राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अनियमित कर्मचारियों के मामले में पूरी जानकारी एकत्रित की जा रही है और पूरी जानकारी आ जाएगी तो विचार करेंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान से अनियमित कर्मचारियों को महसूस हो सकता है कि उनके लिए "उम्मीदें" अभी बाकी है।
बजट से मिली नाउम्मीदी के बाद अनियमित कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में संविदा कर्मी और दैनिक वेतन भोगियों के लिए समिति बनी थी. जानकारी मांगी गई थी, जिस पर अभी तक 34 विभागों की जानकारों आई है. आधी जानकारी नहीं आई है. जब पूरी जानकारी आएगी तो विचार करेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा के लिए रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपेड में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि अनियमित कर्मचारियों के बारे में विभिन्न विभागों में संविदा कर्मी और दैनिक वेतन भोगियों के लिए बनी समितियों की बैठकें हो चुकी है. जानकारी मांगी है. अभी तक 34 विभागों की जानकारों आई है, आधी जानकारी नहीं आई है. कर्मचारी किस कैटेगरी में भर्ती हुई है, क्या पद है, जब तक पूरा डाटा नहीं आएगा, उसमें विचार कैसे किया जा सकता है. जब पूरी जानकारी आएगी, तो विचार करेंगे.
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी की देश भर में होने वाली रैलियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा क्या रैली करेगी, उससे मुझे कुछ कहना नहीं है. जिन राज्यों में चुनाव है, और गैर भाजपा शासित राज्यों में पीएम दौरा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ भी आएंगे, उनका स्वागत है. पूर्व सांसद सोहन पोटाई के निधन पर सीएम ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कांकेर लोकसभा से सोहन पोटाई लगातार सांसद रहे हैं. उन्होंने पूरे जीवन भर संघर्ष किया. उनसे कई बार मुलाकात हुई है. उनके जाने से आदिवासी समाज के लिए अपूरणीय क्षति हुई है.
कांग्रेस सरकार के अंतिम बजट में नियमितिकरण की कोई घोषणा नहीं होने से अनियमित कर्मचारी नाराज हैं. 12 मार्च को धरना स्थल तुता नवा रायपुर में “अनियमित सभा” का आयोजन होगा. सभा में आगामी रणनीति पर समग्र चर्चा होगी. इसके साथ ही बजट को संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका के निराशा जनक एवं पीड़ा देने वाला करार दिया है.