वर्तमान दौर में प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में आर्थिक परेशानी तथा कमी का सामना करना पड़ता है. किसी व्यक्ति की शुक्र की दशा चल ...
वर्तमान दौर में प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में आर्थिक परेशानी तथा कमी का सामना करना पड़ता है. किसी व्यक्ति की शुक्र की दशा चल रही हो और शुक्र जहॉ पर हों उससे संबंधित कार्य के लिए कर्ज लेने के योग बनते हैं, जैसे यदि शुक्र का संबंध चतुर्थ भाव से बन रहा हो तो घर वाहन के लिए कर्ज लेना होगा, पंचम भाव से बने तो संतान से संबंधित कर्म के लिए कर्ज लेने का योग बनेगा, इसी प्रकार अन्य स्थान को देखा जा सकता है.
आज के आधुनिक दौर में सभी आवश्यक कार्या जैसे दैनिक दैनिंदन कार्य, बच्चों की शिक्षा, विवाह के लिए हो या मकान वाहन के लिए आर्थिक संकट हो सकता है. इन परिस्थितियों में कई बार कर्ज लेना जरूरी हो गया है. कई बार कुछ कर्ज आसानी से चुक जाते हैं तो कई कर्ज बोझ बढ़ाने का ही कार्य करते हैं.
अतः यदि कर्ज लेते समय नक्षत्र, लग्न एवं राशि पर विचार करते हुए अपनी ग्रह दशाओं के अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्णय लेते हुए कर्ज लिया जाए तो बोझ ना होकर ऐश्वर्या तथा उन्नति बढ़ाने का साधन भी बन सकता है. अतः 27 नक्षत्रों में से 1.अश्विनी, 2.मृगशिरा, 3.पुनवर्सु, 5.चित्रा, 6.विशाखा, 8.अनुराधा, 9.श्रवण, 10.ज्येष्ठा, 11.धनिष्ठा, 12. शतभिषा, 13.रेवती ये नक्षत्र कर्ज हेतु उचित नक्षत्र हैं, जिनमें लिया गया कर्ज चुकाने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता वहीं पर हस्त, भरणी, पुष्य, स्वाति इत्यादि नक्षत्र कर्ज लेने हेतु प्रतिकूल फल देते हैं.
उसी प्रकार चर लग्न में कर्जा लेना इसलिए उचित होता है क्योंकि इस लग्न में कर्ज आसानी से चुक जाता है किंतु इस लग्न में कर्ज देना उचित नहीं होता. वहीं पर द्विस्वभाव लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने के उपरांत भी चुका हुआ नहीं दिखता. स्थिर लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने में बहुत कष्ट, विवाद की संभावना होती है अतः इन लग्नों में कर्ज लेने से बचना चाहिए.
प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में अपनी राशि तथा ग्रह स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कर्ज लेना या देना चाहिए. अगर कोई ग्रह प्रतिकूल हैं उनकी स्थिति तथा दशाओं में कर्ज लेने से बचना ही तनाव से मुक्ति का सरल उपाय है.
सरल उपाय
- ऋण मुक्ति दिलाने वाले मंत्र ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम: का कम से कम 108 बार जाप करें.
- हर महीने शुक्ल पक्ष के बुधवार को ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें. ऐसा करने से कर्ज आसानी से उतर जाएगा.
- मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं. इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है.
- ‘ऋणमोचक मंगल स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए. यह पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिए. यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिए.
- कर्ज-मुक्ति के लिए आप ‘गजेन्द्र-मोक्ष’ स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ भी कर सकते हैं.
- ज्योतिष के अनुसार बुधवार के दिन सवा पाव मूंग उबाल लें और घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से कुछ ही दिन में कर्ज खत्म हो जाएगा.