*पटवारी कार्यालय में मिले 6 लाख रूपए की राशि प्राप्त करने का स्रोत नहीं बताएं पटवारी सस्पैंड दुर्गा, भिलाई। असल बात न्यूज।। भिलाई के ...
*पटवारी कार्यालय में मिले 6 लाख रूपए की राशि प्राप्त करने का स्रोत नहीं बताएं पटवारी सस्पैंड
दुर्गा, भिलाई।
असल बात न्यूज।।
भिलाई के जिस पटवारी कार्यालय से बिना स्त्रोत वाले पांच लाख रुपए बरामद किए गए, उस पटवारी कार्यालय के बारे में जो लोग पहले से जानते होंगे, उन्हें मालूम होगा कि इस कार्यालय का कैसा और कितना जलवा रहता था तथा यहां काम किस तरह से होता था। शासन के पटवारी कार्यालय को एयर कंडीशन की सुविधा नहीं दी गई है,लेकिन इस पटवारी कार्यालय में इसके साथ तमाम अलीशान सुविधाएं उपलब्ध थीं। यहां आने वाले लोगों के मन में यह सब देखकर हमेशा सवाल उठ रहा था कि सरकार द्वारा इस पटवारी कार्यालय को दूसरों से इतनी अधिक क्यों दी गई है। अभी बिना स्रोत की इतनी अधिक संपत्ति मिलने के बाद वहां के पटवारी को निलंबित कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में आम लोगों के मन में पटवारियों के बारे में ऐसी अवधारणा है जो सभी को आसान है। जिसका काम पटवारियों के पास अटका है उसे समझ में आता है कि कितनी परेशानी और हाथ पैर जोड़ने के बाद उसका काम हो सकता है। कोई भी सरकार आती है पटवारियों के काम करने के तरीके में कभी मामला नहीं आता है। काफी कम ही पटवारी कार्यालय होते हैं जहां पटवारी से आम लोगों की किसी निश्चित समय पर मुलाकात हो सकती है। कहा कि यहां तक जा जाता है कि मंत्री सांसद से मिलते हैं, रूढ़ि से मिलते हैं, पर्यवेक्षक से मिल सकते हैं, लेकिन पटवारियों से खानपान सबसे कठिन काम है। पटवारी ज्यादातर समय फिल पर रहते हैं। उन्हें अधिक समय फील्ड पर राय बनाने का काम करना पड़ता है। दूसरा, ऑफिस में उनका कोई सहयोगी भी नहीं मिलता। सब काम अलोन करना है। यह देखने में जरूर आता है कि जो पटवारी होती हैं वे कई सहयोगी स्वयं मानते हैं। और ऐसे पटवारी कार्यालय में बिना स्रोत के लाखों रुपए रोज आते रहते हैं। यह किसी से छुपा नहीं है। इसके बारे में सब कुछ संभव है लेकिन कार्रवाई कभी-कभी ही होती है।
भिलाई नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पटवारी कार्यालय में छापा मारा गया और बिना स्रोत वाली इतनी अधिक राशि मिली है। । और जमीन की बिक्री का काम पटवारियों के बिना तो हो नहीं सकता।
शिकायतों के मिलने के बाद जिला कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार एसडीएम लक्ष्मण तिवारी द्वारा हल्का नंबर 45, कोहका पटवारी कार्यालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पटवारी कार्यालय से 5 लाख 26 हजार 305 रूपए प्राप्त हुआ। प्राप्त राशि के बारे में पूछे जाने पर पटवारी द्वारा प्राप्त राशि का स्रोत स्पष्ट नहीं किया गया। मामले की जांच कर एसडीएम प्रत्यक्ष कार्रवाई करते हुए दोषी पाए जाने पर पटवारी शत्रुहन मिश्रा को मुकदमा करने के निर्देश दिए गए।