दुर्ग । असल बात न्यूज़।। सरल सुलभ न्याय उपलब्ध कराने और लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
सरल सुलभ न्याय उपलब्ध कराने और लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार केन्द्रीय जेल दुर्ग में आज ’’राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत’’का आयोजन किया गया।इस दौरान जेल के बंदियों को विभिन्न प्रकरणों के सुगमता पूर्वक निराकरण के लिए कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारियां दी गई तथा बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जेल में निरूद्ध प्रत्येक बंदी को विधि अनुसार सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर है।जेल लोक अदालत में आज कुल 6 प्रकरणों का निराकरण भी किया गया।
श्री संजय कुमार जायसवाल, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के मार्गदर्शन में आयोजित जेल लोक अदालत का प्रातः 11.00 बजे शुभारंभ हुआ।
उक्त राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत के आयोजन शुभारंभ/अवसर पर श्री संतोष कुमार ठाकुर, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, दुर्ग के अलावा प्रमुख रूप से गठित दोनों खण्डपीठ के पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण श्री ताजुद्दीन आसिफ, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग एवं श्री उमेश कुमार उपाध्याय, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग तथा श्री आशीष डहरिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग, श्री श्यामलाल ठाकुर प्रभारी जेल अधीक्षक, श्री देवदास टोन्डर सहायक जेल अधीक्षक,श्री अशोक कुमार साव सहायक जेल अधीक्षक, एवं श्री राहुल गगराले सहायक जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल दुर्ग के अलावा जेल के अन्य कर्मचारी/स्टाफ उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा के बंदियों को प्ली बार्गेनिंग , अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी तथा विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों के सुगमता से निराकरण के कई कानूनी पहलुओं की जानकारी प्रदान करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जेल में निरूद्ध प्रत्येक बंदी के लिए सदैव विधि अनुसार सहयोग करने के लिए तत्पर एवं प्रतिबद्ध होना बताया गया।
केन्द्रीय जेल दुर्ग में आयोजित राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदाल में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट/न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में लंबित ऐसे बंदियों के प्रकरणों जिनमें बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार किया गया प्ली-बारगेनिंग एवं शमनीय मामलों का निराकरण किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय में 02 खण्डपीठ एवं राजस्व न्यायालय की 01 खण्डपीठ का गठन किया गया। उक्त गठित खण्डपीठ में कुल 06 मामलें निराकृत हुए जिनमें 04 मामलें न्यायालयीन एवं 02 मामलें राजस्व न्यायालय के शामिल है।