सही करने की हिम्मत उसी में आती है, जो गलती करने से नहीं डरते है । भिलाई । असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में...
सही करने की हिम्मत उसी में आती है, जो गलती करने से नहीं डरते है ।
भिलाई ।
असल बात न्यूज़।।
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में "बी द बी" सर्टिफिकेट कोर्स का समापन डॉक्टर प्रीता लाल,डीसीडीसी हेमचंद विश्वविद्यालय के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समन्वयक श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने कोर्स का संक्षिप्त विवरण दिया और कहा कि 15 दिवसीय इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को संप्रेषण कौशल तथा व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों से अवगत कराना तथा गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं के माध्यम से सभी स्किल्स विकसित करना है l जैसा मधुमक्खी का दृष्टिकोण सकारात्मक होता है और वह हर जगह सुंदरता ढूंढ लेती है, उसी तरह हमारे व्यक्तित्व को भी हम सकारात्मक रूप से ढाल सकते हैं l हमें प्रकाश की अनुभूति तभी होगी जब अंधकार का ज्ञान होगा। अर्थात यदि हम अपने व्यक्तित्व की नकारात्मकता को सकारात्मक दिशा दें तो हमारा व्यक्तित्व शक्ति से ओत प्रोत हो जाएगा l
महाविद्यालय की प्राचार्य, डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि मनुष्य के विचारों तथा दृष्टिकोण का उसके व्यक्तित्व पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रख्यात होने और कुख्यात होने दोनों में प्रसिद्धि मिलती है, परंतु हमें किस ओर जाना है यह हमें सुनिश्चित करना होगा l मधुमक्खी चारों ओर सुंदरता देखती है और शहद भी मीठा होता है, वहीं दूसरी ओर मक्खी केवल गंदगी और बीमारी का ही प्रतीक है l विद्यार्थी इस सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से अपने अंदर निहित कमियों को जाने और उन कमियों को अपनी ताकत में बदल दें क्योंकि जिस-जिस पर यह जग हसा है , उसी ने इतिहास रचा है। उपप्राचार्य डॉक्टर आज हुसैन ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने समाज को संदेश देते हुए नाटक प्रस्तुत किया l पहला नाटक बीएड के विद्यार्थी जयश्री, दीपिका एवं समूह ने किया जो कि एक विद्यार्थी के जीवन, तथा उसमें अनुशासन के महत्व पर आधारित था l
दूसरा एकल नाटक बीबीए विद्यार्थी साक्षी जैन द्वारा भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार पर आधारित था l
सभी विभाग के प्रतिभागियों ने यह सर्टिफिकेट कोर्स पर अपनी फीडबैक दिए l
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. प्रीता लाल, डी.सी.डी.सी, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, मौजूद रहीं l अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आदमी का व्यक्तित्व उसकी अपनी कमाई है जिसमें संप्रेषण कौशल का विशेष महत्व है l सम्प्रेषण से विचारों तथा भावनाओं की साझेदारी होती है। किसी संगठन में सम्प्रेषण के महत्व को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। और जहां संप्रेषण कौशल को बेहतर बनाने और व्यक्तित्व विकास की ओर ध्यान दिया गया हो, उन विद्यार्थियों को आसमान की ऊंचाई छूने से कोई नहीं रोक सकता l निश्चित ही 'बी द बी' मुखर व्यक्तित्व, कुशल संप्रेषण, नेतृत्व क्षमता, विवाद प्रबंधन, उत्तम साक्षात्कार इत्यादि का एक अनूठा संग्रह है, जहां विद्यार्थी सफलता के नए सोपानो को प्राप्त कर सकेंगे l व्यक्तित्व के विकास में सकारात्मक दृष्टिकोण उपयोगी है तथा नकारात्मक दृष्टिकोण त्याज्य है।
डॉ प्रीता लाल द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं कोर्स के सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए l
कार्यक्रम के समापन में श्री हितेश सोनवानी, सहायक प्राध्यापक, अंग्रेजी ने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यास बहुत जरुरी है. बुद्दिमान लोग सही समय पर निरंतर अभ्यास के द्वारा सफलता को प्राप्त कर लेते है, जबकि मुर्ख लोग बिना अभ्यास व महत्व के सफलता का शार्टकट खोजते रह जाते है l "बी द बी" द्वारा संचालित संप्रेषण कौशल तथा व्यक्तित्व विकास के सभी पहलुओं पर अभ्यास करने से भविष्य में सफलता निश्चित है l
मंच संचालन श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी, तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री हितेश कुमार सोनवानी ने किया l कार्यक्रम को सफल बनाने में कमलदीप सिंह, अमनदीप सिंह, हर्षिता सिंह, जयश्री, खुशाल सिन्हा, मनजीत सिंह, आनंद निर्मलकर का विशेष योगदान रहा।