रायपुर। असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता मंत्रालय में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से बेईमानी पूर्वक ठगी ...
रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
मंत्रालय में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से बेईमानी पूर्वक ठगी करने के दो आरोपियों को तीन तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर श्रीमती दीप्ति लकडा के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने प्रकरण में विचारण में पाया कि प्रार्थी और साक्षी गण अभियुक्त से ना तो पूर्व से परिचित हैं ना ही किसी प्रकार की रंजिश रखते हैं। न्यायालय के द्वारा प्रकरण को गंभीर प्रवृत्ति का अपराध माना गया है।
यह प्रकरण 9 फरवरी 2017 का टिकरापारा रायपुर के थाने के अंतर्गत का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि आरोपी शेख असलम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पीड़ित भरत लाल पटेल व अन्य लोगों से छल कारीत करने के सामान्य आशय के अग्रसरण में स्वयं को उपनिरीक्षक तथा अपने पिता शेख सलामत को एसडीओ और अपनी पत्नी कनीज फातिमा को मंत्रालय में पदस्थ होने का अपदेश कर प्रतिरूपण किया तथा भरत लाल पटेल व अन्य सभी को मंत्रालय में चपरासी की नौकरी दिलाने के लिए बेईमानी पूर्वक आशय से द्वारकाधीश पटेल से ₹एक लाख 50हजार, थानेश्वर पटेल से ₹130000 ननकी पटेल से ₹130000 डॉलर्स कुमार पटेल से ₹130000 संजय पटेल से ₹130000 भुनेश्वर साहू से ₹150000 टिकट पटेल से ₹130000 नेतराम निर्मलकर से ₹150000 खिलेंद्र साहू से ₹150000 उमाशंकर धोबी से ₹150000 मुर्दा राम जोगी से ₹150000 से ₹100000 से ₹100000 से ₹150000 प्रदान करने के लिए उत्प्रेरित कर उक्त राशि प्राप्त कर छल का अपराध कारित किया है।
न्यायालय ने बचाव पक्ष के इस तर्क पर कि उन्हें प्रार्थी एवं अन्य साथीगणों के द्वारा झूठा फंसाया गया है पर पाया कि प्रार्थी एवं अन्य साक्षीगण अभियुक्त गण से किस प्रकार के रंजिश नही रखते हैं और ऐसी किसी रंजिश का अभिलेख में कहीं साक्षय नहीं आया है। न्यायालय ने यह माना कि अभियुक्त गणों ने यह जानते हुए भी कि वह किसी की भी मंत्रालय में चपरासी के पद पर नौकरी लगाने के लिए अधिकृत नहीं हैं ।उन्होंने कपट पूर्वक पीड़ितों से राशि प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि मामले में एक आरोपी शेख असलम को 24 अगस्त 2021 को जमानत मिल गई थी।
न्यायालय ने अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 419 34(17) तथा 420 34 (सत्रह) के अपराध का दोषी पाया है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रियंका शर्मा मिश्रा ने पैरवी की।