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कृकृत्य के आरोपी को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा

दुर्ग । असल बात न्यूज़।।            00  विधि संवाददाता    बहला-फुसलाकर इच्छा के विरुद्ध विवाह, व्यपहरण और कृकृत्य करने के आरोपी को 10 साल की...

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दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।   

       00  विधि संवाददाता  

बहला-फुसलाकर इच्छा के विरुद्ध विवाह, व्यपहरण और कृकृत्य करने के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में तेजी से सुनवाई करते हुए न्यायालय ने लगभग एक साल तीन महीने भीतर फैसला सुना दिया है। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। आरोपी गिरफ्तारी के बाद लगातार जेल में निरूद्ध है। न्यायालय ने अभियुक्त के अभिरक्षा में व्यतीत की गई दंड की अवधि को दंड में शामिल करने का आदेश दिया है। 

यह प्रकरण जिले के छावनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत का है। आरोपी पर आरोप है कि उसने पीड़िता को इच्छा के विरुद्ध विवाह करने, अयुक्त संभोग करने के लिए ले जाकर व्यपहरण किया तथा  कृकृत्य किया। न्यायालय में विभिन्न साक्षयों के मद्देनजर आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 366, 376 2 ठ के अपराध का दोषी पाया।

न्यायालय ने आरोपी वासुदेव सिंह भास्कर को  भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अपराध में 7 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ₹1000 रु अर्थदंड, और धारा 376 2 ठ  के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ₹1000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।


मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजकुमार देवांगन ने पैरवी की।