रायपु. राजधानी रायपुर में पहली बार हो रही विश्व हिंदू परिषद की आज मुख्य बैठक प्रारंभ होगी। बैठक में मुख्य रूप से धर्मांतरण, लव जिहाद, ...
रायपु. राजधानी रायपुर में पहली बार हो रही विश्व हिंदू परिषद
की आज मुख्य बैठक प्रारंभ होगी। बैठक में मुख्य रूप से धर्मांतरण, लव
जिहाद, गो हत्या सहित कई मुद्दों पर मंथन होगा। एक मुख्य बात यह है कि
छत्तीसगढ़ में हुई संतों पदयात्रा की तरह देश भर में पदयात्रा को लेकर
रणनीति बनेगी। इस बैठक के प्रारंभ होने से पहले देशभर से पहुंचे अतिथियों
का छत्तीसगढ़ पंथी नृत्य के साथ राउत नाचा से स्वागत किया जाएगा। इसी के
साथ दोपहर के भोजन में सभी अतिथि छत्तीसगढ़ी व्यंजन ठेठरी, खुरमी, चीला,
फरा, और मिठाई में चौसेला का स्वाद चखेंगे।
विहिप के राष्ट्रीय
पदाधिकारियों के साथ देशभर के राज्यों के पदाधिकारी रायपुर में हैं। यहां
पर 22 से 26 जून तक राष्ट्रीय बैठक रखी गई है। पहले दिन 22 जून को
राष्ट्रीय टोली ने बैठक करके एजेंडें तय किए हैं। इसके बाद दूसरे दिन इन
एजेंडों की जानकारी सभी राज्यों से पहुंचे पदाधिकारियों को दी गई है। अब आज
से मुख्य बैठक माहेश्वरी भवन में होगी। इसमें सभी एजेंडों पर विस्तार से
चर्चा करके रणनीति बनाई जाएगी।
इन मुद्दों पर होगा मंथन
बैठक
के बारे में विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया, इस
त्रि-दिवसीय बैठक में संगठन की 2024 में होने वाली षष्ठिपूर्ति (60 वर्ष)
के लक्ष्य तय करने के साथ उनकी सिद्धि हेतु व्यापक कार्ययोजना बनाई जाएगी।
विहिप अपने सेवा कार्यों को द्रुत गति देने के साथ धर्मांतरण, लव जिहाद, गो
हत्या व मंदिरों की सरकारी अधिग्रहण से मुक्ति हेतु मंथन करेगा। बैठक में
विहिप अध्यक्ष पद्मश्री डॉ आरएन सिंह व केंद्रीय कार्याध्यक्ष सीनियर
एडवोकेट आलोक कुमार के अतिरिक्त देश भर से लगभग 200 विहिप पदाधिकारी शामिल
होंगे। उन्होंने बताया, बैठक में संगठन के विस्तार के लिए हितचिंतकों की
संख्या 72 लाख से 1 करोड़ तक ले जाने हेतु योजना बनेगी। अभी पूरे देश में
विहिप की 65 हजार समितियां हैं जिनको एक लाख तक ले जाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की तरह देशभर में पदयात्रा
छत्तीसगढ़
में जिस तरह से हिंदू राष्ट्र की नींव रखने के लिए यहां के संतों ने
प्रदेश में चारों दिशाओं से यात्रा निकाली थी और दलितों के घर जाकर भोजन
किया था और हिंदू समाज को जागृत करने का काम किया था, ठीक उसी तरह से अब
देश भर में संतों की पदयात्रा निकालने का फैसला किया गया है। इसमें सभी
राज्यों में संत पदयात्रा करेंगे और हिंदू राष्ट्र का अलख जगाने के साथ
हिंदुओं को जागृत करने का काम करेंगे।