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मिशन मोड पर त्वरित कार्यवाही से मिल रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में सफलता

   भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू कर प्रदेश की महिलाओं की जिन्दगी बदल दी है। उनके चेहरे पर...

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 भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू कर प्रदेश की महिलाओं की जिन्दगी बदल दी है। उनके चेहरे पर मुस्कान है। अब महिलाएँ मजबूर नहीं, मजबूत बन रही हैं। इस योजना की घोषणा के बाद से ही राज्य शासन और जन-प्रतिनिधियों द्वारा मिशन मोड पर कार्य किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा योजनांतर्गत पात्र समस्त महिलाओं को लाभांवित किये जाने के संबंध में 30 बार कलेक्टर एवं मंत्रीगणों से बात की गई। इस प्रकार शासन के अथक प्रयासों से योजना की घोषणा से लेकर अब तक सभी पात्र लाड़ली बहनों की समग्र पोर्टल पर नि:शुल्क आधार ई-केवायसी कराई गई और बैंक खाते आधार लिंक्ड डीबीटी एनेबल्ड कराये गये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 मार्च को इस योजना को लाँच किया। योजना में 30 अप्रैल तक पंजीयन कराया जाना था। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा घोषणा के मात्र 95 दिनों में 10 जून को एक करोड़ 25 लाख पंजीकृत महिलाओं के खाते में 1209 करोड़ 64 लाख रूपये की राशि अंतरित कर दी गई। अब तक 98.51 प्रतिशत हितग्राही लाड़ली बहनों के खाते में राशि पहुँच गई है। सर्वप्रथम प्रत्येक ग्राम/नगरीय निकाय के वार्ड में समग्र आईडी के आधार पर 23 से 60 वर्ष आयु वर्ग महिला हितग्राहियों की सूची पोर्टल पर प्रदर्शित की गई। इस सूची में जिन महिलाओं की समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी नहीं थी, उनको चिन्हांकित किया गया। प्रारंभ में लगभग 20 लाख महिलाओं की ही समग्र पोर्टल पर आधार की ई-केवायसी थी। 23 से 60 वर्ष आयु वर्ग की जिन महिलाओं की समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी नहीं थी उनकी ई-केवायसी पूर्ण कराने के लिये प्रत्येक ग्राम/नगरीय निकाय के वार्ड में विशेष कैम्प लगाये गये। इंटरनेट विहीन क्षेत्रों की महिलाओं को शासकीय संसाधनों से निकटवर्ती नेटवर्क क्षेत्र में लाया जाकर उनकी ई-केवायसी कराई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं की दिनचर्या को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्र में कैम्प के आयोजन का समय सुबह जल्दी और शाम को देर रात तक रखा गया। प्रत्येक कैम्प के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा कैम्प प्रभारी नियुक्त किये गये, जिनके द्वारा यह सुनिश्चित कराया गया कि महिलाओं को ई-केवायसी कराने में कोई परेशानी नहीं आये और इसके लिये उन्हें कोई राशि नहीं देना पड़े।

समग्र ई-केवायसी के लिये एमपी ऑनलाइन को प्रति महिला 18 रूपये (टैक्स सहित) का भुगतान शासन द्वारा किया गया। इन कैम्पों में निकटवर्ती बैंक की शाखा के कर्मचारियों द्वारा उपस्थित रहकर महिलाओं के बैंक खाते डीबीटी सक्रिय करने के लिये आवश्यक कार्यवाही की गई। योजनांतर्गत लाभ के लिए पंजीयन के समय तथा पंजीयन के बाद प्रतिदिन पंजीकृत समस्त महिलाएँ जिनकी डीबीटी सक्रिय नहीं थी, उनकी सूची योजना के पोर्टल पर ग्रामवार/नगरीय निकाय वार्ड वार प्रदर्शित की गई। स्थानीय प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय प्रशासन विभाग के सहयोग से सूची के आधार पर चिन्हांकित महिलाओं से सम्पर्क कर उनके डीबीटी सक्रिय कराने के आवेदन प्राप्त किये, उन्हें संबंधित बैंक की शाखाओं में जमा किये जाकर उनकी डीबीटी सक्रिय कराई गई। जिन प्रकरणों में महिला खाता धारकों को स्वयं बैंक में उपस्थित होकर कार्यवाही पूर्ण कराई जानी आवश्यक थी, उन महिलाओं को बैंकों में भेज कर डीबीटी सक्रिय की कार्यवाही पूर्ण कराई गई। प्रदेश में संचालित समस्त बैंकों की शाखाओं में योजना की पंजीकृत महिलाओं के डीबीटी सक्रिय करने के लिये विशेष काउंटर लगवाये गये। जिलों में महिला हितग्राहियों को मोबिलाइज करने के लिये एनआरएलएम, एनयूएलएम, जन-सेवा मित्र, जन-अभियान परिषद की मदद से आधार सेवा केन्द्रों को सक्रिय किया गया है।
जिले में सीएससीएस का चिन्हांकन कर उनका ओरिएंटेशन किया गया। जिले तथा प्रत्येक निकाय में कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेन्टर बनाये गये। इसका उद्देश्य मैदानी कार्यकर्ताओं की तकनीकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के साथ सूचना का आदान-प्रदान करना था। जिलों में पलायन करने वाले परिवारों को सूचीबद्ध कर पंचायत सचिव और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दूरभाष पर लगातार सम्पर्क कर उन्हें योजनांतर्गत कार्य की पूर्ति के लिये प्रेरित किया गया। दिव्यांग, बीमार, गर्भवती महिलाओं एवं अन्य निशक्तजनों के घर जाकर कार्यवाही की गई। जिलों में कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, महिला बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा निरंतर बैंकों से स्वयं सम्पर्क कर डीबीटी कार्य की समीक्षा की गई।
योजना में पंजीकृत पात्र महिलाओं में से लगभग 3 लाख 93 हजार महिलाएँ जिनके खाते डीबीटी सक्रिय नहीं हैं, उनकी सूची तथा उनकी डीबीटी सक्रिय कराने के लिये महिला हितग्राही एवं बैंक शाखा द्वारा क्या कार्यवाही की जानी है, इसकी जानकारी पोर्टल पर हितग्राहीवार प्रदर्शित की जा रही है। इस कार्य को अभियान के रूप में किया जा रहा है और राज्य स्तर से नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। डीबीटी सक्रिय हुए खातों के हितग्राहियों को क्रमश: 15 जून, 19 जून, 22 जून और 26 जून 2023 को भुगतान के लिए शेडयूल निर्धारित कर भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। ऐसी महिलाएँ जिनके बैंक खातों में अभी डीबीटी सक्रिय नहीं है, उनके मोबाइल नंबर पर मुख्यमंत्री की ओर से एसएमएस भेज कर अवगत कराया जा रहा है कि उन्हें खाते को डीबीटी सक्रिय कराने के लिये क्या कार्यवाही की जानी है।