अवैध रिश्ते में रहने वाली नर्स को स्वाधार गृह भेजा गया, पति को FIR से बचाने पुलिस वालों पर मामला किया रद्द सरगुजा छत्तीसगढ़ राज्य महिला...
अवैध रिश्ते में रहने वाली नर्स को स्वाधार गृह भेजा गया, पति को FIR से बचाने पुलिस वालों पर मामला किया रद्द
सरगुजा छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा ने आज कलेक्ट्रेड सभा कक्ष अम्बिकापुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की छ0ग0 राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 186 वी सुनवाई हुई तथा जिला स्तर में 06 दी सुनवाई की गई। सरगुजा जिला की आज की जन सुनवाई में कुल 26 प्रकरणों में सुनवाई हुई ।
आज की जन सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित एवं अनावेदक अनुपस्थित, अनावेदक की ओर से सहायक संचालक उपस्थित हुये उन्होने बताया कि अनावेदक अवकाश में है, आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ज्वाईट डायरेक्टर पद पर है और उनके द्वारा केवल आवेदिका के विरूद्ध कार्यवाही किया गया और आवेदिका को परेशान किया गया। कलेक्टर और कमिश्नर की ओर आवेदिका को यथावत बहाल किया गया। जिससे आवेदिका अपनी सेवा में डेढ़ माह बाद वापस सेवा में जा सकी। उसके बाद आवेदिका को अनावेदक के द्वारा पुनः परेशान करने के उद्देश्य से रथनान्तरण किया गया। इसलिये आवेदिका अपना प्ररकण वापस लेने की बात कह रही है लेकिन इससे समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकलेगा इसलिये अनावेदक को छ०ग० राज्य महिला आयोग रायपुर में उपस्थित होने का आदेश किया गया।
एक अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित आवेदिका विकलांग महिला है, अनावेदक के द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया गया और उससे 6 लाख लिया गया और उसे परेशान किया गया। आवेदिका ने 24.03.2022 को थाना गांधीनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई। चूंकि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और अनावेदक 02 माह जेल में रहकर जमानत में छुटा है। अतः प्रकरण छ०ग० राज्य महिला आयोग में चलने योग्य नहीं है अतः प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदक का अम्बिकापुर में कार्यरत महिला नर्स के साथ अवैध संबंध है जिसे अनावेदक ने अपनी मित्र कहा है और आवेदिका का कथन है कि अनावेदक कुछ काम काज नहीं करता और मकान के किराये पर परिवार का पालन पोषण कर रहा है दुसरी महिला जो सरकारी नौकरी पर है जो 40-45 हजार रूपये महिना कमाती है। अनावेदक उससे शादी करना चाहता है। ताकी वह उसकी कमाई पर जिंदा रह सके और आवेदिका को फिर दबाव डालता है कि वह भी इस दुसरे विवाह के लिये रजामंदी करे। जिस पर आवेदिका के तैयार नहीं होने के कारण अनावेदक ने आवेदिका के साथ मारपीट किया और आवेदिका को घर से निकाल दिया। तथा 12 वर्षीय पुत्र से आवेदिका को मिलने भी नहीं दे रहा है। इस बात का पता चलने पर आवेदिका के बेटे को बुलाया गया जिसे अनावेदक ने घर पर ताला बंद कर रखा था। बच्चे की उपस्थित के बाद बच्चे से बात किया गया। बच्चे ने बताया कि उसकी दादी ने कहा था कि वह दुसरी महिला को घर में आने नहीं देंगी। बच्चे की बात से यह स्पष्ट है कि आवेदिका का कथन सत्य है कि अनावेदक दुसरी महिला के कारण अपने परिवार को जानबुझ कर बरबाद कर रहा है क्योंकि वह महिला अम्बिकापुर में सरकारी अस्पताल में कार्यरत है उसे फोन से बुलाया गया। दुसरी महिला उपस्थित हुई, उसके मोबाईल से अनावेदक के मोबाईल पर कॉल लिया गया. दुसरी महिला के मोबाईल पर अनावेदक का नाम दुसरे नाम से अंकित था। दुसरी महिला के मोबाईल पर दोनों का फोटो चिपकी हुई चम बियर के बोटल के साथ था। दुसरी महिला से बार-बार पूछने पर स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। दुसरी महिला के भाव से प्रतित हो रहा था कि अनावेदक के साथ दुसरी महिला का अवैध संबंध है तथा अनावेदक की माता ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि दुसरी महिला अनावेदक को राखी बांधती थी। दुसरी महिला के कारण ही बेटे-बहू में विवाद है। इस स्तर पर यह स्पष्ट होता है कि दुसरी महिला के वजह से आवेदिका का घर टुट रहा है। और दुसरी महिला शासकीय सेवक में होते हुये भी आचरण शासकीय सेवा के विरूद्ध है और बिना तलाक लिये हुये अवैध संबंध में रह रही है। ऐसी दशा में ऐसे अवैध संबंध को रोके जाने बावत् दुसरी महिला को स्वाधार गृह / नारी निकेतन अम्बिकापुर जिला सरगुजा में रखा जाये ताकि उसकी गलती का एहसास हो। दुसरी महिला के माता-पिता के द्वारा रायपुर में शपथ पत्र देने के पश्चात् दुसरी महिला को छोड़ा जाये। अनावेदक कं.02 ने उल्लेखित किया कि.. अपने बेटे को सम्पत्ती से बेदखल करना चाहती है। तथा अपने बेटे-बहू को साथ में रखना नहीं चाहती है। चूकि आवेदिका के शिकायत पर अनावेदक के विरुद्ध 498 A प्रकरण दर्ज कराया जा चुका है। अतः ऐसी स्थिति में प्रकरण को आगे जारी करने का औचित्य नहीं है। चूकि 12 वर्षीय पुत्र माता-पिता के झगड़े से विचलित है। अतः उसे बाल कल्याण समिति में परामर्श के लिए भेजा गया है। जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी सरगुजा द्वारा निर्णय लिया। जा सकता है। प्रकरण आयोग से नस्तीबद्ध किया जाता है।एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित अनावेदकगण उपस्थित उनके द्वारा दिनांक 08.03.2023 को दर्ज की गई एफ0आई0आर0 और कि गई प्रक्रिया के दस्तावेज प्रस्तुत किये गये जिससे ये स्पष्ट है कि आवेदिका उसके पति और भाई तथा तीन लोगो के विरूद्ध 08 धाराओं में प्रकरण पंजबद्ध किया गया। जो अभी तक फरार चल रहे है। जिसमें दो लोग आत्म समर्पण किया था। उन्हे चेक लिस्ट में छोड़ दिया गया है जमानत के बाद निगरानी में छोड़ दिया गया है। आवेदक ने आयोग को दिनांक 14.03.2023 को आवेदन प्रस्तुत किया था जिसे देखने में स्पष्ट है कि यह प्रकरण उसने अपने पति को बचाने के लिये प्रस्तुत किया है। प्रकरण झुठा प्रतित हो रहा है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदकगण अनुपस्थित आवेदिका ने बताया अनावेदकगण उसके बड़े पिता जी के बेटे है और आवेदिका के पिता के सम्पत्ती गहने सब कुछ अपने कब्जे में रखा है और आवेदिका को किसी भी तरह से सम्पती में हिस्सा नही दे रहे है और आवेदिका के हस्ताक्षर से कई मामले रायगढ़ के न्यायालय में कर रखे है जिसकी जानकारी अवेदिका को नही है आवेदिका को आयोग की ओर से समझाईश दिया गया कि रायगढ़ में किसी अधिवक्ता से मिलकर सार्वजनिक पेपर प्रकाशन कराये कि अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका का हस्ताक्षर कर कुछ प्रकरण न्यायालय में चलाये जा रहे है जिसे आवेदिका जानकारी नहीं होने के कारण इंकार करती है।