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टमाटर की आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से भरपूर आवक होने पर कीमत नियंत्रित होने की संभावना, रासीसर पर टमाटर की कीमत को नियंत्रित करने के प्रयास

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ, मंडियों से  खरीदेंगे  टमाटर   नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।।...

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राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ, मंडियों से  खरीदेंगे टमाटर


 नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।

असल बात न्यूज़।। 

टमाटर के लगातार बढ़ते मूल्य पर पूरे देश में चिंता हो रही है।उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को इसके मूल्य नियंत्रण के लिए तत्काल और सफाई करने के निर्देश दिए हैं।दिल्ली और-एनसीआर क्षेत्र में टमाटर उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित करने की तैयारी की जा रही है।वैसे अभी महाराष्ट्र के नासिक जिले से टमाटर जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ में भी  आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर आने पर इसकी कीमतों के नियंत्रित होने की संभावना है। 

टमाटर की बढ़ी कीमती इस समय पूरे देश में आम उपभोक्ताओं को रुला रही है। एक महीने पहले ₹20 रू किलो तक में बिकने वाले टमाटर की कीमतों में पिछले एक महीने के दौरान अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों का समाचार ₹100 से ₹10 किलो तक बिक रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी टमाटर का भरपूर उत्पादन होता है लेकिन इसके यहां उत्पादन का समय नवंबर, दिसंबर से फरवरी,मार्च तक है। इसके बाद यहां टमाटर की लोकल आवाज धीरे-धीरे कम होने लगती है। लोकल टमाटर की आवक बंद हो जाने के बाद यहां टमाटर की कीमतों में अपूर्व बढ़ोतरी हो गई है जिससे आम लोगों का स्वाद बिगड़ गया है।

भारत में टमाटर का उत्पादन लगभग सभी राज्यों में होता है, हालाँकि अलग-अलग मात्रा में। अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56% -58% का योगदान देता है। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र अधिशेष राज्य होने के कारण, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को आपूर्ति करते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीज़न भी अलग-अलग होते हैं। कटाई का चरम मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर की अवधि आम तौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन वाले महीने होते हैं। जुलाई के साथ-साथ मानसून का मौसम आने से वितरण संबंधी चुनौतियां और बढ़ जाती हैं और पारगमन घाटा बढ़ने से कीमतों में बढ़ोतरी होती है।सामान्य और बस की कीमतों में बढ़ोतरी मैं मौसम के अलावा,रोपण और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में भिन्नता  मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। 

वर्तमान में, गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में आपूर्ति ज्यादातर महाराष्ट्र विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले (चित्तूर) में भी उचित मात्रा में आवक जारी है। दिल्ली-एनसीआर में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है।

वैसे अभी महाराष्ट्र के नासिक जिले से टमाटर जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है। इसके अलावा, अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। तदनुसार, निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है। 



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