रायपुर . किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. देश के अधिकांश क्षेत्रों में खरीफ फसलों की बुआई का काम चल रहा है. ऐसे में जो किसान अपनी फ...
रायपुर.
किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. देश के अधिकांश क्षेत्रों में खरीफ फसलों की बुआई का काम चल रहा है. ऐसे में जो किसान अपनी फसलों का बीमा कराना चाहते हैं वे अब 16 अगस्त तक करा सकते हैं. भारत सरकार ने फसल बीमा पंजीयन की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 16 अगस्त कर दिया है.
फसल बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज
ऐसे किसान, जो फसल बीमा करवाना चाहते हैं उन्हें पंजीयन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसानों को आधार संख्या, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड / किरायेदारी समझौते, और स्व–घोषणा प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. योजना के तहत नामांकित सभी किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर नियमित एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा.
किसान फसल बीमा कहां कराएं
किसान फसल बीमा कहाँ करवायें गैर ऋणी एवं बंटाईदार किसान स्वैच्छिक आधार पर अपनी फसलों का बीमा पंजीयन अब 16 अगस्त कर तक करा सकते हैं. किसान निकट के सहकारी या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अथवा वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी.एस.सी. के माध्यम से अथवा अधिकृत बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बीमा करवा सकेंगे. इसके लिए कृषक को स्वयं प्रमाणित प्रस्तावित क्षेत्रफल में बोई गई या बोई जाने वाली फसलों के खसरा नम्बरों के नवीनतम जमाबन्दी की नकल, एक घोषणा पत्र, आधार कार्ड की प्रति, स्वयं के बैंक खाते की पास बुक कॉपी के साथ प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत करना होगा.
फसल बीमा करवाने कितने पैसे देने होंगे?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत किसानों को कपास एवं मौसम आधारित फसलों का बीमा करवाने के लिए 5 प्रतिशत राशि व अन्य खरीफ फसलों हेतु 2 प्रतिशत प्रीमियम राशि देना होता है. किसान यह राशि अपने ज़िले, क्षेत्र के अनुसार अधिसूचित फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा ऐप या पोर्टल पर देख सकते हैं. किसान अपने मोबाइल द्वारा फसल बीमा एप (crop insurance app) को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर स्वयं भी अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं. साथ ही किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा बीमा की जानकारी भी इस एप से प्राप्त की जा सकती है. किसान अधिसूचित बीमा ईकाई/फसल प्रावधानित जोखिम दावा भुगतान की प्रक्रिया आदि की अधिक जानकारी के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति, कृषि कार्यालय, बैंक/वित्तीय संस्थान, क्रियान्वयक बीमा कम्पनी एवं लोक सेवा केन्द्र (CSC) से सम्पर्क कर सकते है.