दुर्ग। असल बात न्यूज़।। यहां न्यायालय ने जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने और व्यपहरण के मामले में अभियुक्त को दोष सिद्ध होने पर पॉक्सो एक्ट क...
असल बात न्यूज़।।
यहां न्यायालय ने जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने और व्यपहरण के मामले में अभियुक्त को दोष सिद्ध होने पर पॉक्सो एक्ट की दो धाराओ में बीस- 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला दिसंबर 2020 का है जिसमें लगभग 2 साल 6 महीने के बाद न्यायालय का फैसला आ गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्टट्रैक विशेष न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय के समक्ष फरवरी 2021 में संस्थित होने के बाद प्रकरण में तेजी से विचारण और सुनवाई की गई। न्यायालय ने अपराध की प्रकृति को देखते हुए अभियुक्त को कठोर दंड देना उचित माना है।
प्रकरण आरक्षी केंद्र आरंग के अंतर्गत का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि आरोपी 24 दिसंबर 2020 को एवं इसके पूर्व करीबन 3 बार अभियोक्तरी उम्र करीब 18 वर्ष को बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। घटना के दिन उसके माता-पिता खेत पर काम करने गए थे और वह दोपहर में लगभग 1:00 बजे माता-पिता को बुलाने जा रही थी तब आरोपी ने हाथ पकड़कर उसका रास्ता रोक लिया और मैं तुमसे प्यार करता हूं शादी करूंगा कह कर जबरन खेत खींचते हुए खेत की तरफ ले आकर उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया।
न्यायालय ने आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अभियान की धारा 4(2) में 20 साल और इसी अधिनियम की धारा 5(ठ) 6 में 20 साल की सजा सुनाई है। आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 341 और 576 के अपराध के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया है। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में विरुद्ध है।