रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शासन द्वारा स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रह...
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शासन द्वारा स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन्ही योजनाओं में से एक गौठान योजना के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है। गौठानों में बनें रीपा केंद्र युवाओं के सपनों को साकार कर रहे हैं। दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत अंजोरा (ख) में युवाओं को रोजगार के साथ नई पहचान मिल रही है। दुर्ग विकासखण्ड के अंजोरा (ख) में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) में महिलाएं एवं युवा पहली बार प्लॉस्टिक जार एवं बेकरी उत्पादन का काम कर रही है। गांवों को उत्पाद का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है यह योजना। यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। घरेलू कामों में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अपने दम पर सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। स्थानीय स्तर पर काम मिलने से महिलाओं और युवाओं को अब दूर जाना नही पड़ेगा। लगभग 2 करोड़ रूपए की लागत से तैयार रीपा ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार का अवसर उपलब्ध करा रहा है। महिलाओं एवं युवाओं द्वारा अंजोरा में प्लास्टिक बाटल, प्लास्टिक जार एवं बेकरी बनाने का काम किया जा रहा है, जिसमें ब्रेड व पाव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। ब्रेड बनाने एवं कटिंग के लिए शासन द्वारा मशीन प्रदान की गई है। भविष्य में आईसक्रीम कोन बनाने के लिए मशीन लगाई जाएगी। इस उद्योग मेें प्रतिदिन 6 हजार प्लास्टिक जार तैयार किया जा रहा है, जिसे 17 रूपए प्रति नग के हिसाब से बाजार में बेचा जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर में ही गांव की महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार का एक अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है। इनके उत्पादन हेतु प्रशासन द्वारा आवश्यक मशीने रीपा स्थल पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की मांग के अनुरूप निकट भविष्य में रीपा केंद्र में प्लास्टिक से बनने वाले नए उत्पादों को भी स्थान दिया जाएगा। इस यूनिट से आसपास के क्षेत्र के कुल 21 लोगों को रोज़गार का अवसर प्रदान किए गए हैं। रीपा के संचालन से महिला समूह की सभी सदस्य बेहद ही खुश है एवं अतिरिक्त आय प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ परिवार की आर्थिक गतिविधियों में भी अपना हाथ बंटा रही है।