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भौतिक का अध्यापन उदाहरण देकर करे तो बच्चे आसानी से समझेंगे - डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा

  भौतिक विषय अध्यापन कराने वाले शिक्षकों  की उन्मुखीकरण कार्यशाला  का हुआ आयोजन जशपुरनगर, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल एवं ज़िला पंचायत के मुख्य...

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भौतिक विषय अध्यापन कराने वाले शिक्षकों  की उन्मुखीकरण कार्यशाला  का हुआ आयोजन

जशपुरनगर,

कलेक्टर डॉ रवि मित्तल एवं ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में एवं जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर संजय गुप्ता  के निर्देशन में  यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के तहत आयोजित शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यशाला में कक्षा 12 वीं भौतिक विषय अध्यापन कराने वाले शिक्षकों  की उन्मुखीकरण कार्यशाला  संपन्न हुई  । भौतिक विषय में अध्यापन के समय आने वाली  विषयगत कठिनाईयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए सभी बिन्दुओं पर मास्टर ट्रेनरों के द्वारा  समाधान किया गया। शिक्षकों के लिए ब़ेन स्टॉर्मिंग गतिविधि से सभी शिक्षकों को बोर्ड परिशा में शत् प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त करने प्रोत्साहित किया गया। मास्टर ट्रेनर संजय दास के द्वारा उन्मुखीकरण कार्यशाला से अपेक्षाएं एवं नई शिक्षा नीति- 2020 के प्रमुख  बिंदुओं  पर विस्तार से चर्चा की गई । मास्टर ट्रेनरों के द्वारा बताया गया कि यूट्यूब एवं तकनीकी का उपयोग करते हुए सामाजिक विज्ञान विषय को सरलता पूर्वक बच्चों  को समझाया जा सकता है।

मास्टर ट्रेनर  विनय सिन्हा, संतोष अम्बस्थ , महेश गुप्ता के द्वारा भौतिक शास्त्र के खण्डों में से ब्लू प्रिंट के आधार पर चर्चा  की गई ताकि अधिकतम अंक बच्चों को प्राप्त हो सके इसके अलावा लेखन दक्षता पर चर्चा किया गया। बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र पैटर्न एवं अंक विभाजन पर चर्चा करते हुए कम अधिगम वाले बच्चों को चिन्हांकित कर उनके लिए उपचारात्मक शिक्षण के उपायों  पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई ।
    बतौर विषय विशेषज्ञ के रूप में  डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाह ने  भौतिक विषय के अध्ययन में आने वाली कठिनाइयों  को बताते  हुए भौतिक विषय के प्रति बच्चों में रुचि कैसे  लाई जाए यह उदाहरण देकर शिक्षकों को समझाया । कुशवाहा ने बताया कि भौतिकी विषय के विषय वस्तुओं को दैनिक जीवन से जोड़कर बहुत ही सरल तरीके से अवधारणाओं को स्पष्ट करें तो बच्चों में आसानी से विषय के प्रति रुचि जागृत किया जा सकता है। डिप्टी कलेक्टर ने जड़त्व, संवेग, आवेग, घूर्णी गति, समाकलन, अवकलन आदि अनेक अवधारणों को निजी जिंदगी में प्रयोग होने वाले वस्तुओं से जोड़कर बताया। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की क्षमता पर भरोसा करने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों को कमजोर समझना अथवा विषय वस्तु को समझा नही पाना शिक्षक की ही कमजोरी है। शिक्षकों को भी लगातार मेहनत करने और स्वयं को अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने लगभग दो घंटे तक शिक्षकों को आसान तरीके से विषय को समझाने हेतु प्रेरित किए एवं शिक्षकों के अध्ययन अध्यापन में आने वाली सारी समस्याओं का समाधान किया।
यशस्वी  जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद गुप्ता द्वारा शिक्षकों को कहा गया कि बच्चों में भौतिक विषय के कौशल का विकास करें जिससे भविष्य में जीवन जीने के लिए उपयोगी साबित हो। होशियार बच्चों को विज्ञान संकाय के विषय को अध्ययन करने के लिए प्रेरित करें जिससे आने वाले समय में वे बच्चे   इंजीनियर , डॉक्टर बने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर सफल हो सके। कक्षा  ग्यारहवीं में विषय वस्तु के अध्ययन के पूर्व  15 दिन तक पूर्व कक्षा के कठिन बिंदुओं को चिन्हांकन करके कुछ मॉड्यूल तैयार लेवें फिर बच्चों के सामने प्रदर्शन करेंगे तो निश्चित ही परीक्षा परिणाम में सुधार देखने को मिलेगा । जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कक्षाएँ संचालित कर बच्चों के समस्याओं को समाधान करने का प्रयास करे। उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजन में यशस्वी जशपुर जे संजीव  शर्मा एवं अवनीश पांडे का विशेष योगदान रहा । कार्यशाला में जिले के  विद्यालयो के भौतिक  विषय अध्यापन करने वाले  शिक्षक ,शिक्षिका गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित हुए ।