रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम शुक्रवार को मंत्री बने। छत्...
रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम शुक्रवार को मंत्री बने। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद बनी चार सरकारों में कोंडागांव विधायक तीन बार सरकार में मंत्री बने। हालांकि हर बार कोंडागांव विधायक को कार्यकाल के बीच में ही मंत्री बनने का मौका मिला।
कोंडागांव विधायक के मंत्री बनने के बाद पार्टी चुनाव जीत जाती है
भाजपा की रमन सरकार में लता उसेंडी को पहली बार जब मंत्री बनाया गया, तब सरगुजा से आने वाली रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया था। वर्तमान में मोहन मरकाम को भी उस समय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जब सरगुजा से आने वाले मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को बाहर किया गया है। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो कोंडागांव विधायक के मंत्री बनने के बाद वह अगला चुनाव जीत जाते हैं। ऐसा लता उसेंडी के साथ हो चुका है। अब मोहन मरकाम के बारे में भी यही चर्चा है। वर्ष 2003 में लता उसेंडी पहली बार कोंडागांव से विधायक चुनी गई। उन्होंने कांग्रेस के दो बार के विधायक और पूर्व मंत्री शंकर सोढ़ी को हराया था। 2008 में हुए चुनाव में लता उसेंडी के मुकाबले कांग्रेस ने मोहन मरकाम को उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2013 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मंत्री लता उसेंडी को मोहन मरकाम ने हराया और अब वह मंत्री बने हैं। कोंडागांव के चुनावी रिकार्ड की बात करें तो पूर्व मंत्री शंकर सोढ़ी को लता उसेंडी ने हराया और मंत्री बनीं। पूर्व मंत्री लता उसेंडी को मोहन मरकाम ने हराया और मंत्री बने। गौरतलब है कि कोंडागांव विधायक रहे मनकूराम सोढ़ी मध्यप्रदेश में अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री थे, जबकि उनके बेटे शंकर सोढ़ी अजीत जोगी सरकार में मंत्री थे।
जनता की सेवा में सदैव रहूंगा तत्पर: मरकाम
मंत्री पद के शपथ लेने के बाद मोहन मरकाम परिवार के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर आभार व्यक्त किया। मरकाम ने शपथ लेेने के बाद कहा कि नए दायित्व का सच्ची श्रद्धा के साथ अनुकरण करुंगा और जनता के सेवा में सदैव तत्पर रहूंगा।